भारत के 8 बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर जुलाई में घटकर 6.1 प्रतिशत रह गई, जो पिछले साल के समान महीने में 8.5 प्रतिशत थी। इन 8 बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को प्रमुख क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। शुक्रवार को जारी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने के 5.1 प्रतिशत की तुलना में उत्पादन बढ़ा है, जिसे कारोबारी गतिविधियों और सड़क निर्माण से सहारा मिला है।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक पारस जसराय ने कहा, ‘आधार के प्रतिकूल असर के बावजूद प्रमुख क्षेत्र का उत्पादन इसके पहले के महीने की तुलना में बेहतर बढ़ा है।’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 के पहले 4 महीनों के दौरान वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही है, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.6 प्रतिशत थी।
प्रमुख क्षेत्र में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली क्षेत्र शामिल होते हैं। रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरकों, स्टील और सीमेंट क्षेत्र की वृद्धि दर जून महीने की तुलना में अधिक रही। जसराय ने कहा, ‘वृद्धि में बढ़ोतरी अभी भी अनिश्चित है। इसे इन 4 क्षेत्रों से बल मिला है। इनकी हिस्सेदारी बुनियादी ढांचा सेग्मेंट में 54 प्रतिशत है।’
अगर जुलाई 2023 से तुलना करें तो 6 क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि घटी है। कोयला क्षेत्र की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही, जो 13 महीने का न्यूनतम स्तर है। अन्य क्षेत्रों जैसे कच्चा तेल (-2.9 प्रतिशत), स्टील(7.2 प्रतिशत), सीमेंट (5.5 प्रतिशत), बिजली (7 प्रतिशत) और प्राकृतिक गैस (-1.3 प्रतिशत) के उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में गिरावट आई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘सरकार की बुनियादी ढांचा गतिविधियां बढ़ी हैं, जिसकी वजह से सीमेंट और स्टील क्षेत्र में तेजी आई। चुनाव के बाद खासकर सड़क निर्माण में तेजी आई है। आवास और ऑटो क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के कारण भी स्टील की मांग बढ़ी है।’