केंद्र सरकार इस वित्त वर्ष के स्तर के करीब ही 2024-25 की सकल उधारी रख सकती है। महामारी के दौरान खर्च बढ़ने के कारण उधारी प्रमुख तौर पर दो गुनी से अधिक बढ़ चुकी है। सरकार के दो सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की नजर उधारी को नियंत्रित रखने पर है।
इन सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए सकल बाजार उधारी को 15 लाख करोड़ रुपये से 15.5 लाख करोड़ रुपये के बीच रख सकती हैं। यानी यह 31 मार्च को समाप्त हो रहे इस वित्त वर्ष के लक्ष्य 15.43 लाख करोड़ रुपये के करीब हो सकता है। इसमें से सरकार ने 22 जनवरी तक 91 प्रतिशत हिस्सा 14.08 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।
यह कोरोना महामारी से पूर्व बाजार से जुटाई गई राशि की करीब दोगुनी है। कोरोना-19 महामारी से पहले वित्त वर्ष 2019-20 में सकल बाजार उधारी 7.1 लाख करोड़ रुपये थी।
इनमें से एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘सरकार इस वित्त वर्ष में अपनी बाजार उधारी को कम करने के प्रति गंभीर है।’ अगले सप्ताह बजट पेश किए जाने को लेकर बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। रॉयटर्स के सर्वेक्षण के मुताबिक अर्थशास्त्रियों के आकलन के करीब 15.6 लाख करोड़ रुपये सकल उधारी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए दावा ठोक रहे हैं और चुनावी वर्ष होने के बावजूद सरकार राजकोषीय घाटे को कम से कम 50 आधार अंक कम करने का प्रयास करेगी। सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी के खर्च पर अंकुश लगा सकती है।