गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान डेटा को सीमित तरीके से निजी क्षेत्र के साथ साझा करने की अनुमति के लिए सरकार का एक उच्च स्तरीय समूह जल्द ही निर्णय कर सकता है। घटनाक्रम से अवगत एक शख्स ने इसकी जानकारी दी।
कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह की इसी महीने बैठक होने की उम्मीद है, जिसमें गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान डेटा को निजी क्षेत्र के साथ साझा करने पर निर्णय लिया जा सकता है।
उक्त शख्स ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘डेटा साझा करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है क्योंकि अधिकतर सरकारी विभाग और मंत्रालय निजी क्षेत्र के साथ सीमित डेटा साझा करने के निर्णय पर सहमत हैं।’
फिलहाल केवल राज्य और केंद्र सरकार के मंत्रालय तथा विभाग ही इस डिजिटल पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। इस पोर्टल पर समयबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की विस्तृत योजना और कार्यान्वयन की पूरी जानकारी होती है।
गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान पोर्टल में भारत के व्यापक सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे से संबंधित डेटा को शामिल किया जाता है। तीन साल पुराना यह व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए रेलवे, राजमार्ग, जहाजरानी और कोयला सहित प्रमुख मंत्रालयों को एक साथ लाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार करना, भारतीय व्यवसायों की प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाना, विदेशी निवेश को आकर्षित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग पिछले दो वर्षों से निजी क्षेत्र के साथ पोर्टल की जानकारी साझा करने के मसले पर अंतर-मंत्रालय बैठकें कर रहा है और इसने विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया है।
जिन 43 विभागों ने अपने डेटा पोर्टल पर अपलोड किए है, उनमें से अधिकांश अपना डेटा सीमित तरीके से ही निजी क्षेत्र के साथ साझा करने के इच्छुक हैं। मामले के जानकार शख्स ने कहा कि डेटा सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ भी परामर्श किया गया है।
निजी क्षेत्र को राष्ट्रीय मास्टरप्लान तक पहुंच देने के पीछे का विचार यह है कि उन्हें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने में मदद की जाए। हालांकि सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए निजी उपयोगकर्ताओं तक डेटा की पहुंच के लिए प्रोटोकॉल तैयार करना आवश्यक होगा।
अभी तक राष्ट्रीय मास्टरप्लान पर 1,530 से अधिक जानकारियां अपलोड की गई हैं, जिनमें देश भर में रेल, बंदरगाह और बंदरगाह संपर्क, गैस पाइपलाइन, ऑप्टिक फाइबर से लेकर जमीन के रिकॉर्ड तक की महत्त्वपूर्ण जानकारी शामिल है। इनमें व्यक्तिगत जानकारी भी शामिल हो सकती है।