facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

निर्यातकों को जागरूक करेगी सरकार

आरओडीटीईपी योजना के तहत निर्यातकों के इनपुट पर केंद्र, राज्य और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाए गए कर को वापस कर दिया जाता है और यह WTO के मानकों के अनुरूप है।

Last Updated- January 28, 2024 | 11:00 PM IST
Trump Tarrif

सरकार उद्योग जगत को उन दस्तावेजों से परिचित कराने में मदद करने की योजना बना रही है, जिनकी आवश्यकता निर्यात उत्पादों पर शुल्कों या करों में छूट (आरओडीटीईपी) संबंधी प्रतिपूर्ति के लिए होती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

पिछले साल अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) ने भारत की निर्यात प्रोत्साहन योजना के खिलाफ कुछ उत्पादों पर प्रतिकारात्मक या एंटी सब्सिडी ड्यूटी लगा दी थी, क्योंकि उद्योग उन्हें जरूरी साक्ष्य नहीं दे सका था। इसे देखते हुए सरकार निर्यातकों को जागरूक करने की कवायद कर रही है।

आरओडीटीईपी योजना के तहत निर्यातकों के इनपुट पर केंद्र, राज्य और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाए गए कर को वापस कर दिया जाता है और यह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानकों के अनुरूप है।

सरकार के अधिकारियों का मानना है कि भारत के उत्पादों पर सब्सिडी के खिलाफ शुल्क इसलिए लगाया गया था क्योंकि उद्योग जगत विदेश के प्रतिनिधियों की जांच के दौरान कर वापस किए जाने का पर्याप्त सबूत नहीं दिखा सका था।

इसकी वजह से अमेरिकी अधिकारियों ने माना कि भारत के निर्यातकों को आरओडीटीईपी योजना के तहत सब्सिडी मिल रही है और यह वैश्विक व्यापार के नियमों के खिलाफ है। प्रतिकारात्मक शुल्क आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया गया था, जिससे निर्यातकों को उनके देश में मिल रहे सब्सिडी के लाभ का प्रतिकार किया जा सके।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘प्रतिकारात्मक शुल्क के लिए जांच चल रही थी, उस दौरान जांचकर्ता (अन्य देशों के) भारत आए। उन्होंने संयंत्रों का दौरा किया और संबंधित दस्तावेजों के बारे में जानकारी मांगी। दस्तावेज दिखाना अहम था।’

अधिकारी ने कहा, ‘जब जांचकर्ता आए, निर्यातकों को कहना था कि आरओडीटीईपी वापसी पर आधारित योजना है और उसके लिए उन्हें बिजली, राज्य स्तर पर लगने वाले ईंधन की लागत (वैट) व अन्य साक्ष्य दिखाने पड़ते हैं। हम निर्यातकों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए कदम उठा रहे हैं, जिससे निर्यातक पूरी जानकारी हासिल कर सकें और कागजात संबंधी जरूरतें पूरी कर सकें।’

First Published - January 28, 2024 | 11:00 PM IST

संबंधित पोस्ट