केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को 6,400 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,100 रुपये (50.14 डॉलर) प्रति टन कर दिया है। यह बदलाव मंगलवार से प्रभावी है।
केंद्रीय संबंध और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स ‘जीरो’ ही जारी रहेगा। इसका मतलब है कि पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में छूट जारी रहेगी।
एक महीने में विंडफॉल टैक्स में तीसरी बार बदलाव
बता दें कि बीते एक महीने में विंडफॉल टैक्स में तीन बार बार बदलाव हुआ है और वास्तव में विंडफॉल टैक्स को हर 15 दिन में बदला जाता है।
इससे पहले चार अप्रैल को सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को पहले के 3,500 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया था। बाद में 19 अप्रैल को क्रूड पर टैक्स को बढ़ाकर 6,400 रुपये प्रति टन कर दिया गया था।
भारत ने पिछले साल जुलाई में कच्चे तेल के उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाया था और गैसोलीन, डीजल और एविएशन फ्यूल यानी विमानन ईंधन के निर्यात पर लेवी को बढ़ा दिया था।
सरकार ने यह कदम दरअसल निजी फ्यूल रिफाइनर के सस्ती दरों पर देश में तेल बेचने के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ कमाने को लेकर उठाया था।
इसका असर घरेलू स्तर पर आम लोगों पर नहीं दिखाई देता लेकिन यह असर उन कंपनियों पर देखने को मिलता है जो कम कीमत पर क्रूड ऑयल खरीदते हैं और रिफाइंड कर दूसरे देशों को ज्यादा कीमत पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। इसी मुनाफे पर सरकार विंडफॉल टैक्स लगाकर कमाई करती है ताकि घरेलू आपूर्ति में कोई कमी न आये।