facebookmetapixel
NPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरीएशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबसअमेरिकी टैरिफ के 50% होने के बाद भारतीय खिलौना निर्यातकों पर बढ़ा दबाव, नए ऑर्डरों की थमी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने किया साफ: आधार सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता साबित करने के लिए नहींBihar चुनाव के बाद लालू परिवार में भूचाल, बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों को कहा ‘अलविदा’1250% का तगड़ा डिविडेंड! अंडरवियर बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते₹4 करोड़ कम, लेकिन RR चुना! जानिए क्यों Jadeja ने CSK को कहा अलविदा75% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मा कंपनी का निवेशकों को बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते25 की उम्र में रचा इतिहास! मैथिली ठाकुर बनीं बिहार की सबसे कम उम्र की MLA; जानें पिछले युवा विजेताओं की लिस्टDividend Stocks: अगले हफ्ते 50 से अधिक कंपनियां बाटेंगी डिविडेंड, शेयधारकों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफा

सरकार ने एमपीसी का पुनर्गठन किया, राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य, नागेश कुमार बाहरी सदस्य नियुक्त

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बयान में कहा कि राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार को एमपीसी का नया बाहरी सदस्य नियुक्त किया गया है।

Last Updated- October 02, 2024 | 8:48 AM IST
RBI
Representative image

सरकार ने नीतिगत दर तय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का मंगलवार को पुनर्गठन किया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बयान में कहा कि राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार को एमपीसी का नया बाहरी सदस्य नियुक्त किया गया है।

सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत मौद्रिक नीति समिति के पुनर्गठन को अधिसूचित किया है। पुनर्गठन के तहत दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के निदेशक प्रो. राम सिंह, अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य और नयी दिल्ली स्थित औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक और मुख्य कार्यपालक डॉ. नागेश कुमार इसके बाह्य सदस्य बनाये गये हैं। नीतिगत दर तय करने वाली एमपीसी के प्रमुख भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर हैं।

पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक सात से नौ अक्टूबर को होनी है। बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकान्त दास नौ अक्टूबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मौद्रिक नीति समिति के बाहरी सदस्य तत्काल प्रभाव से या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, चार साल की अवधि के लिए पद पर बने रहेंगे।

एमपीसी का गठन 2016 में मौद्रिक नीति रूपरेखा समझौते को अंतिम रूप देने के बाद किया गया था। इसमें मुद्रास्फीति के लक्ष्य का निर्धारण किया गया था। इसके तहत आरबीआई को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी दी गयी।

इस समय एमपीसी के बाह्य सदस्यों में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. आशिमा गोयल, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लॉयड इकनॉमिक रिसर्च में वरिष्ठ सलाहकार शंशाक भिडे और भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद के प्रोफेसर जयंत आर वर्मा हैं। नये नियुक्त सदस्य इनका स्थान लेंगे। आरबीआई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, एमपीसी में छह सदस्य होते हैं। तीन सदस्य आरबीआई से और तीन केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। छह सदस्यीय समति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करते हैं। इसके आधिकारिक सदस्यों में रिजर्व बैंक में मौद्रिक नीति के प्रभारी डिप्टी गवर्नर और मौद्रिक नीति विभाग के कार्यकारी निदेशक इसके सदस्य होते हैं।

First Published - October 2, 2024 | 8:48 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट