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सरकार ने जारी किया नई विदेश व्यापार नीति, ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए तैयार हो रहे दिशानिर्देश

Last Updated- March 31, 2023 | 11:14 PM IST
Govt's new foreign trade policy set to boost domestic manufacturing

सरकार ने पिछली नीति में महत्त्वपूर्ण बदलाव करते हुए आज सनसेट क्लॉज के बिना विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 को जारी किया। इसमें वर्ष 2030 तक 2 लाख करोड़ डॉलर के वस्तु एवं सेवा निर्यात लक्ष्य में ई-कॉमर्स निर्यात की हिस्सेदारी को बढ़ाकर कम से कम 10 फीसदी करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

नई नीति सरकार की छूट एवं आवंटन आधारित व्यवस्था से प्रोत्साहन आधारित व्यवस्था की ओर बढ़ने की प्राथमिकता के अनुरूप है। इस प्रकार सरकार ने अपनी एफटीपी नीति को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अनुरूप बनाया है।

विदेश व्यापार नीति का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। इसे 2015-20 की अव​धि के लिए जारी पिछली विदेश व्यापार नीति में कई बार विस्तार किए जाने के बाद जारी किया गया है। यह जिलों को निर्यात हब बनाने, कारोबारी सुगमता सुनि​श्चित करने और निर्यात दायित्वों में चूक के लिए विशेष एकमुश्त माफी योजना पर केंद्रित है।

व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने आज एफटीपी जारी करते हुए कहा, ‘हमें आगे अपने निर्यात लक्ष्यों को हासिल करना होगा। हम 2030 तक 2 लाख करोड़ डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करेंगे। मगर, हमें यह भी सुनि​श्चित करना होगा कि मर्केंडाइज निर्यात सेवा निर्यात से पीछे न आ जाए।’

एफटीपी में पहली बार डिजिटल वा​णि​ज्यि पर एक अलग अध्याय जोड़ा गया है। वा​णिज्य मंत्री ने कहा कि सभी एफटीपी का लाभ का विस्तार अब ई-कॉमर्स निर्यात तक किया जाएगा। कूरियर सेवाओं के जरिये निर्यात की मूल्य सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति खेप कर दिया गया है।

एफटीपी में कहा गया है, ‘वाणिज्य विभाग, डाक, सीबीआईसी विभागों में आईटी ढांचे में छह महीने में आवश्यक सुधार हो जाएंगे। ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अन्य मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श के बाद दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं।’

एफटीपी के तहत मिलने वाले सभी लाभ ई-कॉमर्स को दिए जाएंगे। वर्ष 2030 तक ई-कॉमर्स निर्यात मौजूदा 2-5 अरब डॉलर से बढ़कर 20-30 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। रखरखाव की सुविधा वाले ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र भी अधिसूचित किए जाएंगे। इस पहल से ई-कॉमर्स एग्रीगेटर के लिए भंडारण करना आसान हो जाएगा और इसके साथ ही सीमा शुल्क विभाग से मंजूरी और वापसी प्रक्रिया भी सहज हो जाएगी।

‘विवाद से विश्वास’ योजना की तर्ज पर सरकार एडवांस अथॉराइजेशन ऐंड एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) योजना के तहत निर्यात अनिवार्यताएं पूरी नहीं करने वालों के लिए विशेष रियायत देने की योजना लाई जाएगी। रियायत देने की विशेष योजना से सितंबर तक 2,500-3,000 निर्यातकों को लाभ होगा।

हालांकि, जिन मामलों में धोखाधड़ी की जांच चल रही है उनके लिए यह विशेष रियायत लागू नहीं होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपये की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए एफटीपी में प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

भारतीय बंदरगाहों से गुजरे बिना मगर भारतीय मध्यस्थ के साथ एक देश से दूसरे देश से वस्तुओं के व्यापार की नई एफटीपी में अनुमति दी जाएगी। हालांकि, कुछ खास वस्तुओं की श्रेणियों को छोड़कर आरबीआई के दिशानिर्देशों का अनुपालन इस मामले में जरूरी होगा। उद्योग जगत और विशेषज्ञों ने नई एफटीपी का स्वागत किया है।

First Published - March 31, 2023 | 11:14 PM IST

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