भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए अच्छी खबर है। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने कैलेंडर वर्ष 2024(CY24) के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ (India GDP growth rate) के अपने पूर्वानुमान को 10 आधार अंक (bps) बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही उम्मीद लगाई है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) चालू कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही (Q4-CY24) या चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3-FY25) में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
अप्रैल 2024 तक जनवरी में भारत की मुख्य मुद्रास्फीति औसतन 3.4 प्रतिशत सालाना (YoY) थी। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों ने कहा कि CY24 की दूसरी तिमाही में मुख्य मुद्रास्फीति नीचे आ सकती है और CY24 की दूसरी छमाही में 4 – 4.5 प्रतिशत अंक तक बढ़ सकती है।
Goldman Sachs ने कहा कि एमपीसी ने भारत के कई हिस्सों में चल रहे गर्म मौसम की स्थिति के कारण आपूर्ति पक्ष में व्यवधान के कारण फूड इन्फ्लेशन पर सतर्क रुख अपनाया है।
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विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई मौद्रिक नीति में ढील देने से पहले, CY24 की दूसरी छमाही में खाद्य मुद्रास्फीति का आकलन करने के लिए मानसून की प्रगति और ग्रीष्मकालीन (खरीफ) फसल की बुआई देखना चाहता है।
Goldman Sachs ने आरबीआई द्वारा ब्याज दर में कटौती की अपनी उम्मीद को एक तिमाही के लिए Q4-CY24 (बनाम Q3 पहले) तक पीछे धकेल दिया है, जिसमें पहली कटौती दिसंबर 2024 की बैठक में होने की संभावना है।
ICRA ने चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.7% रहने का लगाया अनुमान
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट घटकर चार तिमाही के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। इक्रा का अनुमान है समूचे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री (हेड-रिसर्च एंड आउटरीच) अदिति नायर ने कहा कि कम मात्रा में वृद्धि के साथ-साथ जिंस की कीमतों से कम लाभ के साथ कुछ औद्योगिक क्षेत्रों की लाभप्रदता में गिरावट से वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में भारत की ग्रॉस वैल्यू एडेड(GVA) ग्रोथ में कमी आने की उम्मीद है।