भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2023 में 3.75 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है, जो 2014 में 2 लाख करोड़ रुपये के करीब था। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी।
ट्वीट में कहा गया है कि भारत अब विश्व की दसवीं बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 9 साल के सुधारों का उल्लेख करते हुए ट्वीट में सीतारमण के कार्यालय ने यह भी कहा, ‘भारत को अब वैश्विक अर्थव्यवस्था का शानदार केंद्र कहा जा रहा है।’
मौजूदा भाव पर इस समय GDP के आकार हिसाब से भारत से 4 देश- अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान आगे हैं। वहीं भारत ने ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, रूस और ऑस्ट्रेलिया को GDP के आकार के हिसाब से पीछे छोड़ दिया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से हाल में जारी अनंतिम आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 23 में कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है और इसे चौथी तिमाही में उम्मीद से ज्यादा हुई तेज वृद्धि से बल मिला है।
कोच्चि में एसोचैम के एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अंतिम आंकड़े 7.2 प्रतिशत से ऊपर के हो सकते हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था की गति मजबूत रही है।
CEA ने कहा कि भारत एक निम्न मध्यम आमदनी वाला देश है, इस पहचान को लेकर नहीं बैठा रह सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमें महामारी के पहले वाली रफ्तार पकड़नी है। महामारी से पहले भी 2018-19 और 2019-20 में अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही थी। इस तरह की मंदी को रोकना अहम है।’
नागेश्वरन ने कहा कि अगर देश 6.5 से 6.8 प्रतिशत वृद्धि दर पर शेष दशक में बना रहता है तो वैश्विक स्थिति को देखते हुए यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी। उन्होंने चेतावनी भी दी कि बाहरी स्थिति को देखते हुए निर्यात में वृद्धि एक समस्या हो सकती है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर भारत का वृहद आर्थिक प्रबंधन शानदार और विवेकपूर्ण रहा है, जिसमें महामारी के दौरान बहुत दबाव नहीं पड़ा जैसा कि कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं में हुआ।
भारत की अर्थव्यवस्था 10वें से चढ़कर 5वें स्थान पर पहुंचने के बारे सीईए ने कहा कि भारत की अब वैश्विक GDP में हिस्सेदारी 16 में से एक हिस्सा है, जबकि 20 साल पहले 100 में से एक हिस्सा था।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैक्टरों की बिक्री के आंकड़ों, गेहूं की ज्यादा खरीद, बीज की उपलब्धता और पर्याप्त खाद्यान्न भंडार के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का कृषि क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
निजी खपत के बारे में नागेश्वरन ने कहा कि यह 16 साल के उच्च स्तर GDP के 58.5 प्रतिशत पर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगों द्वारा निवेश कर पूंजी सृजन करने की रफ्तार बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘पिछला दशक उद्योगों के लिए खराब रहा, क्योंकि बैलेंस शीट की समस्या थी। अब वह समस्या नहीं है।’
नागेश्वरन ने कहा कि ग्रामीण रोजगार में कृषि और गैर कृषि क्षेत्र में नॉमिनल वेतन वृद्धि दर एक अंक के उच्च स्तर पर है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर घटकर 4 से 5 प्रतिशत के बीच आ गई है, ऐसे में वास्तविक वेतन वित्त वर्ष 23 की तुलना में वित्त वर्ष 24 में बेहतर रहेगा और इससे ग्रामीण खपत में भी बढ़ोतरी होगी।