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FTA में आएगी तेजी, भारत जैसी तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार बढ़ाने की तैयारी में ब्रिटेन और EU

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता को नए सिरे से शुरू करने के लिए सोमवार को ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स से मुलाकात करने वाले हैं।

Last Updated- February 23, 2025 | 10:08 PM IST
Trade

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा दी जा रही बराबरी के शुल्क की धमकियों और बढ़ते व्यापार युद्ध की चिंताओं के कारण यूरोपीय संघ और ब्रिटेन भारत के साथ लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत में तेजी लाने के लिए मजबूर हो सकते हैं।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता को नए सिरे से शुरू करने के लिए सोमवार को ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स से मुलाकात करने वाले हैं। गोयल ब्रसेल्स में 10 से 14 मार्च तक हो रही 10वें दौर की भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता से पहले शुक्रवार को यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारो सेफचोविच के साथ बातचीत करेंगे।

सेफचोविच यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लायेन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए नई दिल्ली आएंगे। उसके बाद गोयल भारत दौरे पर आने वाले बेल्जियम और स्वीडन के प्रतिनिधिमंडल के साथ भी बैठक करेंगे।

लायेन हवाले से एक विज्ञ​प्ति में कहा गया है, ‘जबरदस्त भू-रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के इस दौर में यूरोप खुलेपन, साझेदारी और आउटरीच के लिए तैयार है। हम अपने एक सबसे भरोसेमंद मित्र एवं सहयोगी- भारत के साथ संबंधों को गहराई देना चाहते हैं। यूरोप और भारत समान विचारधारा वाले साझेदार हैं जो इस साझा विश्वास से बंधे हैं कि लोकतंत्र लोगों की बेहतरीन सेवा करता है। यही कारण है कि नए आयोग की पहली यात्रा भारत की है। हम व्यापार बढ़ाने, आ​र्थिक सुरक्षा और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के साथ एक साझा तकनीकी एजेंडा एवं रक्षा सहयोग के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

विशेषज्ञों ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं और विशेष रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा शुरू किया गया व्यापार युद्ध यूरोपीय देशों को भारत सहित अन्य नए बाजारों की तलाश करने के लिए मजबूर कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। इसलिए भारत के लिए यह ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार संबंध बेहतर करने का अवसर भी हो सकता है।

काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के डि​स्टिंगुइस प्रोफेसर विश्वजित धर ने कहा, ‘भू-राजनीतिक परि​​​स्थितियों में बदलाव और यूरोपीय संघ सहित सभी प्रमुख साझेदार देशों पर अमेरिकी दबाव को देखते हुए नि​श्चित तौर पर यूरोपीय संघ के लिए किसी बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करना आवश्यक होगा।’

उद्योग के एक अ​धिकारी ने कहा, ‘वास्तव में व्यापार युद्ध से न केवल भारत के लिए एफटीए की ​स्थिति बेहतर होगी ब​ल्कि उसे एक नई दिशा भी मिलेगी। यूरोपीय आयोग 28 अन्य आयुक्त के साथ भारत का दौरा करेगा। इससे एफटीए वार्ता को जबरदस्त राजनीतिक बढ़ावा मिलेगा।’

भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता जून 2022 में शुरू हुई थी। नौ दौर की व्यापक वार्ता होने के बावजूद बुनियादी मतभेदों को दूर नहीं किया जा सका। मार्च में नौवें दौर की वार्ता के बाद निर्णय लिया गया था कि उसका राजनीतिक स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा। जहां तक ब्रिटेन का सवाल है तो एफटीए वार्ता का अंतिम दौर मार्च 2024 में हुआ था। 

First Published - February 23, 2025 | 10:08 PM IST

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