फिच रेटिंग्स ने आज उपभोक्ता खर्च में सुधार और बढ़े हुए निवेश से सकारात्मक आर्थिक दृष्टिकोण का हवाला देते हुए भारत के लिए अपने वृद्धि अनुमान को 20 आधार अंक बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। फिच का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुमान के अनुरूप है।
अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी ने कहा है, ‘निवेश में वृद्धि बरकरार रहेगा मगर हाल ही तिमाहियों के मुकाबले इसकी गति धीमी रहेगी, जबकि उपभोक्ता खर्च में सुधार होगा।
क्रय प्रबंधकों के सर्वेक्षण के आंकड़े चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में निरंतर वृद्धि की ओर इशारा करते हैं। मानसून के सामान्य रहने के संकेत वृद्धि को बढ़ावा देंगे और मुद्रास्फीति को कम अस्थिर बनाएंगे। हालांकि, हाल ही में भीषण गर्मी ने जोखिम उत्पन्न किया है।’
वित्त वर्ष 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की प्रभावशाली दर से बढ़ी थी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बाद के सालों में वृद्धि धीमी हो सकती है और इसके मध्यम अवधि के रुझान अनुमान के करीब पहुंच सकते हैं। इसने कहा, ‘हमने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5 फीसदी और 2026-27 के लिए क्रमशः 6.2 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है, जो उपभोक्ता खर्च और निवेश से प्रेरित है।’
खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी के बारे में फिच ने लगातार उच्च खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति को स्वीकार किया। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि समग्र मुद्रास्फीति कैलेंडर वर्ष के अंत तक घटकर 4.5 फीसदी और 2025 एवं 2026 में औसतन 4.3 फीसदी रहेगी, जो अपने लक्ष्य सीमा से थोड़ा ऊपर रहेगी।’
फिच ने कहा कि उसे उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस साल अपनी मौद्रिक दरों में केवल एक बार कटौती कर इसे 6.25 फीसदी कर देगा। मार्च में हमने इस वर्ष 50 आधार अंक कटौती की उम्मीद की थी।