facebookmetapixel
Tata Stock समेत इन दो शेयरों पर ब्रोकरेज बुलिश, ₹8,200 तक के दिए टारगेट्सउत्तराखंड सरकार को तीन महीने में कॉर्बेट रिजर्व सुधारने का SC का आदेशDelhi AQI: वायु गुणवत्ता पर SC की सख्त नजर, दिल्ली सरकार से दो दिन में जवाब तलबStock Market Update: शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत, सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंक टूटा; निफ्टी 26 हजार के नीचेप्रवर्तकों की हिस्सेदारी में बड़ा कटौती का अलर्ट! क्या शेयर बाजार में आने वाला है नया तूफान?ECMS के तहत 17 नए इलेक्ट्रॉनिक प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी, देश बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब!₹90,000 करोड़ के समूह की ग्रीन एनर्जी सेक्टर में एंट्री, आंध्र प्रदेश में लगाएगा प्लांटMcLeod Russel का ऋण समाधान तेज, NARCL से बातचीत जारीStocks To Watch Today: Infosys, Tata Power, JSW Infra समेत आज ये स्टॉक्स रहेंगे सेंटर ऑफ अट्रैक्शन; चेक करें लिस्टDPDP Act: डिजिटल प्राइवेसी नियमों पर सरकार सख्त, अनुपालन समय घटाने पर विचार

कच्चे माल की लागत का और बोझ नहीं उठा पाएंगी फर्म!

Last Updated- December 11, 2022 | 10:31 PM IST

थोक मंडिया वर्ष 2021 की शुरुआत में 2020 के मुकाबले 2.5 फीसदी ज्यादा दाम पर माल बेच रही थीं, जबकि उपभोक्ताओं को 4.06 फीसदी अधिक कीमतों पर वस्तु एवं सेवाएं मिल रही थीं। नवंबर तक हालात बहुत अधिक बदल गए। थोक मंडियों ने पिछले साल नवंबर की तुलना में 14.23 फीसदी अधिक दाम पर माल बेचा जबकि उपभोक्ताओं को पिछले साल नवंबर की तुलना में 4.91 फीसदी ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ीं। इससे लगता है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में वस्तुओं एवं सेवाओं के भारांश के मुताबिक थोक विक्रेताओं ने उनकी बिक्री की और उपभोक्ताओं ने खरीदीं।
इसका मतलब है कि कंपनियां अब भी बढ़ी कीमतों का बोझ पूरी तरह ग्राहकों पर नहीं डाल पाई हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था में मांग कम है, जिससे उनके मार्जिन पर दबाव
पड़ रहा है। हालांकि कुछ लागत ग्राहकों पर डालने की खबरें भी आई हैं। स्थिति लगातार ऐसी नहीं रह सकती और कंपनियां अपने मार्जिन को और नहीं घटाएंगी।
पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणव सेन ने कहा, ‘ऐसा होने जा रहा है। कच्चे माल और मध्यवर्ती स्तर पर कीमतों में बदलाव डब्ल्यूपीआई में शामिल होता है। आम तौर पर कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ तीन से चार महीनों में ग्राहकों पर डाला जाता है। अभी कीमतों का पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला गया है। डब्ल्यूपीआई के इन स्तरों से खुदरा कीमतें भी प्रभावित होंगी।’
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि डब्ल्यूपीआई वैश्विक जिंस कीमतों में बदलावों को लेकर संवेदनशील था और इस पर जल्द असर पड़ा। उन्होंने कहा, ‘उत्पादक उपभोक्ताओं पर कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ डालने से पहले थोड़े लंबे समय तक स्थिति को देखते हैं। इससे सीपीआई का असर कम और धीमा हो जाता है। भारत में भी कीमतों में बढ़ोतरी के कुछ संकेत दिखने लगे हैं क्योंकि उत्पादक मार्जिन पर और दबाव झेलने की स्थिति में नहीं हैं।’
हालांकि कुछ ऐसे उत्पाद हैं, जिनके लिए उपभोक्ताओं को मोटी कीमत चुकानी पड़ रही है। उदाहरण के लिए उन्हें नवंबर में टमाटर के लिए पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 31.35 फीसदी ज्यादा दाम चुकाने पड़े, जबकि उन्हें यह उत्पाद जनवरी 2021 में जनवरी 2020 की तुलना में 3.65 फीसदी कम पर मिला। दूसरी तरफ खाद्य तेलों में महंगाई की दर पूरे वर्ष ऊंची रही। उपभोक्ताओं को खाद्य तेल जनवरी में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 24 फीसदी ज्यादा दाम पर मिला। नवंबर में उन्हें पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले खाद्य तेल 33 फीसदी महंगा मिला।
खाद्य कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक्सचेंजों को सात जिंसों- धान (गैर-बासमती), गेहूं, चना, सरसों एवं उससे बने उत्पाद, सोयाबीन एवं उससे बने उत्पाद, कच्चे पाम तेल और मूंग के नए वायदा अनुबंध शुरू करने से तत्काल ऐ साल के लिए रोक दिया है।
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि वायदा पर रोक का उन जिंसों की कीमतों पर कुछ असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर आयात होने वाली खाद्य तेल जैसी जिंस की कीमतें वैश्विक कीमतों से प्रभावित होंगी।
खाद्य तेल उद्योग की शीर्ष संस्था केंद्रीय तेल उद्योग एवं व्यापार संगठन के चेयरमैन सुरेश नागपाल ने कहा कि आयात शुल्क में कई बार कटौती और रबी सीजन में तिलहन के भरपूर उत्पादन के अनुमान से खाद्य तेलों की कीमतें अगले साल नरम होंगी।
हालांकि कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7 फीसदी और 10 फीसदी गिरावट आई, लेकिन नवंबर में प्रत्येक की कीमतें 85 फीसदी से ज्यादा बढ़ गईं। अगर ईंधनों और खाद्य को छोड़ देते हैं तो मुख्य मुद्रास्फीति पूरे वर्ष में 5.5 से 5.9 फीसदी के बीच बनी रही।

First Published - December 30, 2021 | 11:07 PM IST

संबंधित पोस्ट