वित्त मंत्रालय ने 22 फरवरी को आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) की समीक्षा करने के लिए सरकारी बैंकों और चार निजी ऋणदाताओं के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। ECLGS को कोविड-19 से प्रभावित कारोबार क्षेत्र की मदद के लिए शुरू किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में ECLGS और कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में लोन गारंटी योजना (LGSCAS) में प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक- HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank और Kotak Mahindra Bank के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
ECLGS और LGSCAS के 31 मार्च के बाद विस्तार के साथ-साथ इनसे संबंधित चुनौतियों पर भी चर्चा की जाएगी। ECLGS की घोषणा मई, 2020 में कोरोना महामारी के प्रभाव को देखते हुए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तौर पर सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (MSME) को मदद के उद्देशय से की गई थी। ECLGS के लिए शुरुआत में कुल तीन लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ कर दिया गया।