EPFO Data April, May: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-मई महीनों के दौरान नए युवा कर्मचारियों की औपचारिक भर्तियों में बढ़ोतरी हुई है। शनिवार को जारी ईपीएफओ के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-मई अवधि के दौरान 18 से 28 साल की उम्र के लोगों की नौकरियां पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.3 फीसदी बढ़कर 12.7 लाख हो गई हैं।
इसके पहले वित्त वर्ष 24 के इन दो महीनों के दौरान इस आयु वर्ग के युवा ईपीएफ सबस्क्राइबरों की संख्या में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10 फीसदी की कमी आई थी और यह संख्या 12.3 लाख थी।
भारत में पहली बार नौकरी पाने वालों की संख्या महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि हर साल 80 लाख के करीब युवा रोजगार के लिए तैयार हो रहे हैं और युवाओं की बेरोजगारी दर अधिक होना नौकरियों के बाजार में बड़ी चुनौती है। इस वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान कुल मिलाकर 19.1 लाख सबस्क्राइबर ईपीएफ में शामिल हुए है, जबकि वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि में 18.9 लाख सबस्क्राइबर शामिल हुए थे।
ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक नई महिला सबस्क्राइबरों की संख्या भी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस दौरान 4.1 फीसदी बढ़कर 5,07,000 हो गई है। इसके पहले के वित्त वर्ष यानी 2024 के अप्रैल-मई के दौरान महिला ईपीएफ सबस्क्राइबरों की संख्या 11 फीसदी घटकर 4,87,900 थी।
श्रम मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘यह पहले की धारणा के अनुरूप है। इससे पता चलता है कि संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं। ये मुख्य रूप से ऐसे कर्मचारी हैं, जो पहली बार नौकरी की तलाश में आए हैं।’ मंत्रालय ने कहा कि महिला सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी से संकेत मिलते हैं कि कार्यबल में समावेशिता बढ़ रही है और इसका विविधीकरण हो रहा है।
इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) की कार्यकारी निदेशक सुचिता दत्ता ने कहा कि विशेषज्ञ सेवाएं, जिसमें स्टाफिंग उद्योग शामिल है, लगातार नए रोजगार में वृद्धि में अहम भूमिका निभा रहा है और इस क्षेत्र में युवाओं व महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की कई वजहें हैं। इसमें कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश शामिल है, जिनका लक्ष्य युवा व महिलाएं हैं। इनके माध्यम से संबंधित क्षेत्रों की मांग पूरी की जा रही है। साथ ही डिजिटल शिक्षा की पहल से रोजगार पाने की संभावना बढ़ रही है। इसके अलावा महिलाओं के अनुकूल कामकाज का माहौल बनाने का भी असर है, जिसके परिणाम आ रहे हैं।’
बहरहाल टीमलीज सर्विजेस की सह संस्थापक ऋतुपर्णा चक्रवर्ती का कहना है कि किसी भी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में फर्में सामान्यतया अपने कर्मचारियों की जरूरत पर समग्रता से विचार करती हैं और भर्तियां करती हैं, जिससे नई भर्तियां बढ़ती हैं।
उन्होंने कहा, ‘इस साल कुल मिलाकर भर्तियों में सुधार हुआ है, जबकि इसकी तुलना में पिछले साल गिरावट आई थी। जब भी अवसर बढ़ते हैं, स्वाभाविक रूप से युवाओं और महिलाओं को मौका मिलता है और उन्हें फायदा होता है।