अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके देश में आयात किए जाने वाले सभी इस्पात एवं एल्युमीनियम पर 25 फीसदी शुल्क लगेगा। ऐसे में भारत से अमेरिका को होने वाले इन वस्तुओं के निर्यात में और कमी आ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो भारतीय बाजार में इस्पात की आपूर्ति अधिक होने का जोखिम बढ़ सकता है।
ट्रंप अपने देश में इस्पात एवं एल्युमीनियम के आयात पर शुल्क लगाने के अलावा सभी देशों से आयात पर ‘समान शुल्क’ लगाने की मंशा रखते हैं। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी सप्ताह ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारत फिलहाल अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले उच्च आयात शुल्क से निपटने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास जवाबी कार्रवाई करने का भी विकल्प है।
भारत ने 2018 में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जवाबी शुल्क लगाया था। उस समय अमेरिका ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इस्पात के आयात पर 25 फीसदी और एल्युमीनियम के आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगा दिया था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार अगर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है तो भारत पर उसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘सभी देशों पर शुल्क लगाया जाएगा और इसलिए सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध होगा। हमारा निर्यात सामान्य तौर पर जारी रहने की उम्मीद है।’ अधिकारी ने कहा, ‘अगर भारत को लक्षित करते हुए शुल्क लगाया जाएगा तो हम विभिन्न क्षेत्रों पर उसके प्रभाव का विश्लेषण और आकलन करेंगे। मगर अभी तक भारत के किसी भी उत्पाद पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है।’
हुइ तिंग सिम ने कहा कि शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि के कारण भारतीय इस्पात उत्पादकों को निर्यात में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘पिछले 12 महीनों के दौरान भारत में इस्पात के जबरदस्त आयात के कारण भारतीय इस्पात की कीमतों में गिरावट आई है।’
भारतीय इस्पात संघ के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने अमेरिका में शुल्क वृद्धि पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे अमेरिका को होने वाले इस्पात निर्यात में 85 फीसदी तक की कमी दिख सकती है। इससे भारतीय बाजार में अतिरिक्त इस्पात की बाढ़ आ जाएगी। उन्होंने कहा, ‘लंबे समय से लागू डंपिंगरोधी शुल्क और काउंटरवेलिंग शुल्क के कारण भारत से अमेरिका को कार्बन स्टील का निर्यात पहले से ही नगण्य है। ऐसे निर्णय से स्थिति और खराब होगी।’