केंद्र सरकार ने मनी लॉन्डरिंग के प्रावधानों में संशोधन करते हुए GST नियमों को और सख्त बना दिया है। सरकार के इस नियम के बाद माल व सेवा कर यानी GST में गड़बड़ी करने वालों के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। वजह यह है कि सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुडे़ कानून (PMLA) कानून के तहत ED (प्रवर्तन निदेशालय) को GSTN के साथ सूचना साझा करने की अनुमति दे दी है।
सरकार के इस कदम से मनी लॉन्डरिंग के जरिये की गई GST की चोरी की वसूली में मदद मिलेगी। ऐसा माना जा रहा है कि GST की व्यवस्था में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ ED सख्त कार्रवाई कर सकेगी और फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा।
GST में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए केंद्र सरकार, राज्यों के साथ मिलकर साझा कार्रवाई कर रही है। बीते कुछ महीनों में GST में फर्जीवाड़े को लेकर कई मामले सामने आए हैं और कई कंपनियों के खिलाफ तो भारी रकम छिपाने का मामला सामने आया है । एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे में सरकार के इस कानून संसोधन के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए की गई GST की चोरी की वसूली में मदद मिलेगी और ED, GST की चोरी करने वालों के खिलाफ सीधे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।
सरकार ने क्यों दिया ED को इतना पावर ?
सरकार ने यह संशोधन इनडायरेक्ट टैक्स और कस्टम टैक्स चोरी को रोकने के लिए उठाया है। सरकार का मानना है कि कई फर्जी कंपनियों ने GST के तहत रजिस्ट्रेशन तो करा लिया है लेकिन वे विदेशी करेंसी का उल्लंघन कर रही हैं। वहीं, कई कंपनियां पर्जी इनवाइसिंग के सहारे टैक्स चोरी कर रही हैं। ऐसे में सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के बाद, GSTN के डेटा की पूरी जानकारी ED को दी जाएगी।
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क्या है GST नेटवर्क ?
GST नेटवर्क (GSTN) इनडाइरेक्ट टैक्स सिस्टम की टेक्नोलॉजी को संभालता है और रिटर्न, टैक्स फाइल करने के ब्योरे व अन्य अनुपालन सहित GST से संबंधित सभी सूचनाओं को अपने पास रखता है। धन शोधन रोधक अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों में संशोधन के अनुसार, GSTN को उन यूनिट्स की लिस्ट में शामिल किया गया है जिनके साथ ED सूचना साझा करेगा।
संशोधन के बाद क्या है विशेषज्ञों की राय?
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स (AMRG & Associates) के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि PMLA के तहत GSTN को अधिसूचित करने से एक ऐसा कानूनी ढांचा तैयार होगा जिससे बड़ी टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर शिकंजा कस उन्हें बकाया कर भुगतान करने के लिए बाध्य किया जा सकेगा।
मोहन ने कहा, ‘GSTN संभावित टैक्स अपराधियों के बारे में प्रासंगिक जानकारी संबंधित अधिकारियों को दे सकता है ताकि GSTN कानून के तहत जांच, निर्णय और करों की वसूली की कार्यवाही शुरू की जा सके।’
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नांगिया एंडरसन एलएलपी (Nangia Andersen LLP) के पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि PMLA के तहत GSTN को शामिल करने से अब ED के पास मौजूद उस जानकारी या कंटेंट को GSTN के साथ साझा करने की सुविधा मिलेगी, जिनके बारे में उसे लगता है कि इसमें किसी भी तरीके से GST कानून का उल्लंघन किया गया है।
झुनझुनवाला ने कहा कि अभी धारा 158 के तहत GST अधिनियम भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत किसी भी अभियोजन के मामले या उस समय लागू किसी भी अन्य कानून के तहत जानकारी का खुलासा करने का अधिकार देता है।
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PMLA के तहत GSTN को जानकारी का खुलासा करने की कोई शक्ति नहीं थी, जब तक कि PMLA की धारा 66 की उपधारा 1 के खंड 2 के तहत अधिसूचित नहीं किया गया हो। इस अधिसूचना के साथ GSTN को अब सूची में शामिल कर लिया गया है। इससे पहले पिछले साल नवंबर में सरकार ने ED को आर्थिक अपराधियों की जानकारी गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के साथ साझा करने की अनुमति दी थी।