facebookmetapixel
तीन दमदार स्टॉक्स में जोरदार ब्रेकआउट, एनालिस्ट ने बताए नए टारगेट और स्टॉप लॉसटाटा ट्रस्ट में नेविल टाटा की नियुक्ति उत्तराधिकार का संकेतकैम्स ने किया एआई टूल का ऐलानबढ़ती मांग से गूगल का एआई हब में निवेशStocks to Watch today: Ashok Leyland से लेकर Tata Steel और Asian Paints तक, आज इन स्टॉक्स में दिखेगा एक्शनStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से सुस्त संकेत, गुरुवार को कैसी रहेगी बाजार की चाल ?27% मार्केट वैल्यू गायब! आखिर TCS को क्या हो गया?कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!

आर्थिक संकेतकों में गिरावट के रुझान

Last Updated- December 15, 2022 | 4:20 AM IST

जुलाई महीने की शुरुआत तक आर्थिक गतिविधि सामान्य होती दिख रही थी लेकिन अब इसमें गिरावट के संकेत मिल रहे हैं। मुंबई के यातायात की स्थिति, मोबाइल इंटरनेट की गति का जायजा लेने के साथ ही किराना और दवा के दुकानों का दौरा करेंगे तो आपको अंदाजा होगा पहले के मुकाबले हाल के हफ्ते में लोगों की तादाद इन जगहों पर काफी कम हुई है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इनके साथ-साथ अन्य संकेतकों के जरिये यह समझने की कोशिश की है कि कोविड-19 महामारी से जूझते हुए अर्थव्यवस्था का स्थिति कैसी है। दुनिया भर के विश्लेषकों ने आधिकारिक आंकड़ों के जारी किए जाने से पहले जमीनी स्थिति से वाकिफ होने के लिए इसी तरह के पैमाने का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। व्यापार से जुड़े आंकड़े और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा मासिक या तिमाही के आधार पर उपलब्ध होता है। भारतीय विश्लेषकों ने मार्च में लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी इस तरह के संकेतकों का इस्तेमाल किया था। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इंटरनेट की स्पीड और गूगल की मोबिलिटी रिपोर्ट के अलावा बिजली उत्पादन, माल ढुलाई, प्रदूषण और ट्रैफिक का भी जायजा लिया। ज्यादातर आंकड़े शनिवार या रविवार के लिए हैं। इंटरनेट स्पीड और गूगल की मोबिलिटी रिपोर्ट थोड़ी देर से मिलती है।
रविवार तक के आंकड़े दिखाते हैं कि बिजली उत्पादन में अंतर अब ज्यादा दिखने लगा है। यह अंतर पिछले साल के आंकड़ों के मुकाबले सात दिनों की औसत संख्या के आधार पर 20 जुलाई को दो प्रतिशत से भी कम हो गया था। लेकिन यह अब 7 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है।
गूगल लोगों के स्थान को ट्रैक करता है और विभिन्न श्रेणियों के स्थानों पर यात्राओं की प्रोफाइल तैयार करता है। लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद लोगों ने खुदरा सामानों वाली दुकानों और मनोरंजन वाली जगहों पर ज्यादा जाना शुरू कर दिया था। 21 जुलाई के आंकड़े दर्शाते हैं कि किराना और दवा दुकानों में लोगों का जाना लगभग सामान्य हो गया था। लेकिन अब खुदरा दुकानों और मनोरंजनात्मक जगहों पर जाने का रुझान जून के दूसरे हफ्ते के स्तर पर आ गया है। किराना और दवा दुकान पर जाने का रुझान मई के अंत के स्तर पर वापस आ गया है। वैश्विक इंटरनेट ट्रैकर ओकला मोबाइल और फिक्स्ड इंटरनेट से जुड़ी जानकारी जुटाता है। 19 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में भारत के फिक्स्ड इंटरनेट की रफ्तार में गिरावट देखी गई हालांकि अब भी इसका स्तर ज्यादा है। ज्यादा लोगों के घर पर होने पर इंटरनेट की रफ्तार में कमी आती है। वीडियो कॉल और मनोरंजन की वजह से इंटरनेट की गति कम होती है। लेकिन फिलहाल मोबाइल इंटरनेट की रफ्तार मई के अंत के स्तर पर पहुंच गई है।
भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई की मात्रा में 6.33 प्रतिशत की गिरावट देखी। माल ढुलाई से होने वाली कमाई में करीब 12 फीसदी की कमी आई। यह आंकड़े रविवार को समाप्त होने वाले सात दिनों के हैं। लोकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी टॉमटॉम इंटरनैशनल के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली ट्रैफिक ने रविवार को खत्म होने वाले सप्ताह में ज्यादा भीड़ के संकेत दिए। वहीं मुंबई की भीड़ में कमी दिखी। अब शहर में हाल के सप्ताह में सामान्य के मुकाबले 70 फीसदी कम भीड़ दिखती है जो हाल के हफ्तों में देखे गए सामान्य सुधार से थोड़ा उलट है। इससे पता चलता है कि वित्तीय राजधानी में पहले की तुलना में कम गतिविधि दिख रही है क्योंकि सड़कों पर कारें भी कम दिख रही है। प्रदूषण के आंकड़े भी इसी तरह के रुझान की ओर इशारा करते हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर का भी जायजा लिया। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दिल्ली में इसमें करीब 22 फीसदी की कमी आई।

First Published - July 27, 2020 | 11:11 PM IST

संबंधित पोस्ट