रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी अंतरिम बजट में सरकार से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विनिवेश लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये से कम रखने की उम्मीद है। रिपोर्ट बताती है कि ऊंचे टार्गेट का लक्ष्य प्राप्तियों में कमी होने की स्थिति में बजट संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बाजार की अनिश्चितताओं के कारण वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 50,000 करोड़ रुपये से कम का सतर्क विनिवेश लक्ष्य निर्धारित करने की सिफारिश की है। वे पिछले ट्रेंड पर विचार करते हुए, प्राप्तियों में काफी कमी होने की स्थिति में बजट गणना में संभावित व्यवधानों को रोकने के लिए उच्च लक्ष्य से बचने का सुझाव देते हैं।
वित्तीय वर्ष 2024 में, सरकार ने 51,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसका केवल पांचवां हिस्सा ही हासिल हुआ है, जो 10,050 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI), NMDC स्टील लिमिटेड, BEML, HLL लाइफकेयर और IDBI बैंक जैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) की कई रणनीतिक बिक्री चालू वित्तीय वर्ष में पूरी करने की योजना है। हालांकि, इन संस्थाओं की गहन जांच अभी भी जारी है।
आईडीबीआई बैंक के लिए सरकार को कई प्रस्ताव आए हैं, लेकिन किसी को भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सरकार दोनों से अंतिम मंजूरी नहीं मिली है। इसके अतिरिक्त, BEML और SCI के निजीकरण को सार्वजनिक और राजनीतिक क्षेत्रों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
इक्रा ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 के लिए विनिवेश लक्ष्य 36,000 करोड़ रुपये कम होने की संभावना है। उन्होंने आगे बताया, आईडीबीआई बैंक और शिपिंग कॉरपोरेशन जैसे प्रमुख CPSE के लिए प्रक्रिया वित्त वर्ष 2025 में गति पकड़ने की उम्मीद है।
इक्रा ने कहा कि सरकार को और करीब 0.5 ट्रिलियन रुपये अतिरिक्त पैसा मिल सकता है क्योंकि आरबीआई से कर और लाभांश उम्मीद से अधिक मिलने की संभावना है।
इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत सरकार के सकल कर राजस्व (GTR) में 11% की अच्छी वृद्धि होगी। यह वृद्धि प्रत्यक्ष करों और वस्तु एवं सेवा कर (GST) से अधिक कलेक्शन से प्रेरित होगी, जबकि एक्साइज और कस्टम ड्यूटी कलेक्शन में वृद्धि धीमी होने की उम्मीद है।
अपेक्षित कुल सरकारी खर्च वित्त वर्ष 2014 में 45 ट्रिलियन रुपये के अनुमान के आसपास रहने की संभावना है। इसका मुख्य कारण यह है कि पूंजीगत व्यय आरंभिक बजट से कम होने का अनुमान है।
एजेंसी ने बताया कि सरकार को वित्त वर्ष 2025 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.3% के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2214 में अनुमानित 6% है। 2023 के बजट में वित्त वर्ष 24 के लिए लक्ष्य 5.9% निर्धारित किया गया था।
एजेंसी ने कहा, “सरकार वित्त वर्ष 2025 में 17.1 ट्रिलियन रुपये के राजकोषीय घाटे की योजना बना रही है, जो कि पहले के बजट और वित्त वर्ष 24 के लिए अपेक्षित 17.9 ट्रिलियन रुपये से कम है।”
इक्रा ने कहा कि उच्च पूंजीगत व्यय (capex) के कारण FY26 के लिए 4.5% राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इक्रा के अनुमान के मुताबिक, राजकोषीय घाटा-से-जीडीपी अनुपात में प्रत्येक 10 आधार अंक की वृद्धि के लिए 32,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पूंजीगत व्यय की अनुमति होगी।