Direct tax collections: वित्त वर्ष 2023-24 में कॉर्पोरेट कर संग्रह संशोधित अनुमान से 1.3 फीसदी कम रहने के बावजूद व्यक्तिगत आय कर प्राप्तियां बेहतर रहने से शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह संशोधित अनुमान से 0.7 फीसदी अधिक रहा। सरकार ने वित्त वर्ष 2024 के लिए व्यक्तिगत आय कर संग्रह का अनुमान 13.5 फीसदी बढ़ाकर 10.22 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। बजट में इस मद में 9 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया था। हालांकि व्यक्तिगत आय कर प्राप्तियां संशोधित अनुमान से 2.1 फीसदी ज्यादा 10.44 लाख करोड़ रुपये रही।
हालांकि संशोधित अनुमान में कॉर्पोरेट कर संग्रह को बजट अनुमान 9.23 लाख करोड़ रुपये पर ही रखा गया था। इसके बावजूद इस मद में कर प्राप्तियां अनुमान से 12,000 करोड़ रुपये कम 9.11 लाख करोड़ रुपये रहीं। वित्त वर्ष 2024 में कुल प्रत्यक्ष कर राजस्व 19.58 लाख करोड़ रुपये रहा, जो संशोधित अनमान 19.45 लाख करोड़ रुपये से 13,000 करोड़ रुपये अधिक है।
व्यक्तिगत आय कर संग्रह की बात करें तो इस मद की प्राप्तियों में वास्तविक वृद्धि 25.3 फीसदी रही, जबकि संशोधित अनुमान में वित्त वर्ष 2023 की तुलना में 22.7 फीसदी ज्यादा राजस्व का अनुमान लगाया गया था। मगर कॉर्पोरेट कर प्राप्तियां संशोधित अनुमान 11.7 फीसदी वृद्धि की तुलना में 10.3 फीसदी ही बढ़ा। कुल प्रत्यक्ष कर प्राप्तियां 17.7 फीसदी बढ़ी जबकि संशोधित अनुमान में 16.9 फीसदी बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी।
अगर रिफंड को भी शामिल कर लें तो वित्त वर्ष 2024 में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.5 फीसदी बढ़कर 23.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023 में 19.72 लाख करोड़ रुपये रहा था। बीते वित्त वर्ष के दौरान 3.79 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया जो वित्त वर्ष 2023 के 3.09 लाख करोड़ रुपये से 22.7 फीसदी अधिक है।
वित्त वर्ष 2024 में सकल व्यक्तिगत आयकर प्राप्तियां 24.3 फीसदी बढ़कर 12.01 लाख करोड़ रुपये रहीं जो वित्त वर्ष 2023 में 9.67 लाख करोड़ रुपये थी। इसी तरह सकल कॉर्पोरेट कर संग्रह 13.06 फीसदी बढ़कर 11.32 लाख करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2023 में 10 लाख करोड़ रुपये कॉर्पोरेट कर मिला था।
कॉर्पोरेट कर संग्रह संशोधित अनुमान से कम रहने का कारण पूछे जाने पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया।
हालांकि सीबीडीटी के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने पिछले साल अक्टूबर में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था कि कॉर्पोरेट कर संग्रह की वृद्धि दर में तेजी आने की संभावना नहीं है मगर इस मद में प्राप्तियां औसत दर से बढ़ेंगी।