हीरे के प्रमुख बाजार चीन में मांग की कमी के कारण भारत से तराशे और पॉलिश किए गए हीरे के निर्यात में कमी आ रही है। यह जानकारी देते हुए गुरुवार को एक प्रमुख कारोबारी संगठन ने कहा कि अगर सरकार इस उद्योग का समर्थन नहीं करती है तो इसमें स्थिरता की संभावना नहीं है।
भारत हीरों की तराशी और पॉलिशिंग का विश्व का सबसे बड़ा केंद्र है। वैश्विक रूप से 10 में से 9 हीरों की पॉलिशिंग भारत में होती है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा, ‘हम इस समय कमजोर मांग के संकट से जूझ रहे हैं। खासकर चीन में कोविड-19 के बाद रिकवरी सुस्त है। परिणामस्वरूप मांग में गिरावट जारी है।’
भारत के तराशे और पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी एक तिहाई है। यह खरीद मुख्य रूप से हॉन्गकॉन्ग के माध्यम से होती है। आर्थिक मंदी के कारण ग्राहकों की तरजीह बदली है और लोग हीरों से सोने के आभूषणों की ओर मुड़ रहे हैं और कम शादियों के कारण मांग घटी है।
भारत से तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जून तिमाही में करीब 15 फीसदी कम हुआ है। शाह ने कहा कि 2022-23 के दौरान इसमें 27.5 फीसदी की गिरावट आई थी। उन्होंने कहा कि उद्योग इस समय संकट में है और पिछले महीने सरकार से इस साल के बजट में कुछ छूट की मांग की गई थी।
जीजेईपीसी ने सरकार से अनुरोध किया है कि स्पेशल नोटिफाइड जोन (एसएनजेड) में कच्चे हीरों की बिक्री की अनुमति दी जाए। शाह ने कहा कि साथ ही वैश्विक पहचान वाले डायमंड ट्रेडिंग हाउसों जैसे बोनास और आई हेनिग को एनएनजेड से कामकाज करने की अनुमति दी जाए।