मजदूर संगठनों ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों, गिग और प्लेटफॉर्मों के साथ काम करने वालों और कृषि क्षेत्र के मजदूरों समेत लाखों लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के मुताबिक आगामी बजट में सरकार की ओर से प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा कोष के गठन की मांग की है।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा कोष से उन्हें न्यूनतम पेंशन, चिकित्सा सुविधा एवं शैक्षिक लाभ सहित सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत परिभाषित लाभ मिल सकेंगे।’
इस मसले पर बजट पूर्व परामर्श के दौरान सोमवार को वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय मजदूर संगठनों की बातचीत में चर्चा हुई थी। बैठक के बाद 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियनों की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है, ‘असंगठित कामगारों और कृषि कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा कोष का गठन किया जाना चाहिए।
कचरा रिसाइक्लिंग में लगे श्रमिकों, साल्ट पैन श्रमिकों, कांच की चूड़ी बनाने का काम करने वाले श्रमिकों सहित स्वास्थ्य के लिए खतरनाक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों की व्यासायिक स्वास्थ्य व सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजनाएं लाई जानी चाहिए।’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ और नैशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (एनएफआईटीयू) ने इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, लेकिन उनके प्रतिनिधियों ने भी पुष्टि की है कि ये मसले उठाए गए थे और इन पर चर्चा हुई थी।
श्रमिकों के लिए काम करने वाले वकील पीसी प्रभाकर ने कहा, ‘सरकार संहिता की धारा 141 को लागू कर सकती है, हालांकि पूरी संहिता अभी लागू होनी है। संहिता को आंशिक रूप से लागू करने की अनुमति कानून में है और धारा 142 जैसे कुछ प्रावधान, जो आधार के इस्तेमाल से जुड़े हैं, पहले से ही लागू हैं।
नई संहिता को लागू करने में यह स्वागतयोग्य कदम होगा, क्योंकि इससे लाखों अनौपचारिक कामगारों को राहत मिलेगी। ’कोष के गठन से केंद्र को असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों तक तेजी से लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी और इससे मौजूदा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे वृद्धावस्था पेंशन, भविष्य निधि, स्वास्थ्य, आवास एवं शिक्षा योजनाओं के एकीकरण की सुविधा मिल सकेगी और सामाजिक सुरक्षा कोष के माध्यम से इन लाभों को पहुंचाया जा सकेगा।
सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 की धारा 141 में असंगठित कामगारों के सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 को शामिल किए जाने के बाद सामाजिक सुरक्षा कोष के गठन के बाद इसका वित्तपोषण केंद्र सरकार, राज्य सरकार, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कोषों और मुआवजे के रूप में प्राप्त एग्रीगेटरों के अंशदान से हो सकेगा।
कौर ने कहा, ‘इस समय भविष्य निधि या ईएसआईसी के तहत नहीं आने वाले बड़ी संख्या में लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं पाते। उनके लिए 2008 में असंगठित कामगार अधिनयम पारित किया गया, जिसमें उन्हें 1,000 रुपये मासिक पेंशन का प्रावधान किया गया। हालांकि यह कभी मूर्त रूप नहीं ले सका। अगर नई संहिता को बजट के दौरान लागू किया जाता है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा।’