भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक स्तर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ, भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) चालू वित्त वर्ष के दौरान और वित्त वर्ष 2023-24 में भी कम होने जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के लिए बाहरी स्थिति काफी स्थिर है।
उन्होंने निजी क्षेत्र के संगठनों और अर्थशास्त्रियों का हवाला देते हुए कहा कि उद्योग को उम्मीद है कि 2022-23 में सीएडी जीडीपी के 2-2.4 फीसदी के दायरे में रहेगा और 2023-24 में और घटकर 2 फीसदी रह जाएगा। नागेश्वरन ने कहा, ‘आपने देखा होगा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें भी कम हुई हैं। इसलिए, देश के लिए बाहरी मोर्चा काफी स्थिर है।’
नागेश्वरन ने शुक्रवार और शनिवार को चेन्नई में होने वाली भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत दूसरी जी20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप (एफडब्ल्यूजी) की बैठक के हिस्से के रूप में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अधिसंख्य निजी क्षेत्र के संगठन और अर्थशास्त्री भारत के लिए सीएडी के अपने अनुमान को संशोधित कर रहे हैं। उन्हें वित्त वर्ष की शुरुआत में चालू खाता घाटा लगभग 3 फीसदी या उससे अधिक होने की उम्मीद थी। अब वे कह रहे हैं कि यह जीडीपी का 2-2.4 फीसदी होगा और अगले साल यह जीडीपी के 2 फीसदी के करीब होगा।’
सीएडी पर नागेश्वरन का बयान वित्त मंत्रालय द्वारा फरवरी के लिए अपनी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में संकेत दिए जाने के तीन दिन बाद आया है। इसमें संकेत दिया गया था कि भारत के सीएडी में इस वित्त वर्ष और आने वाले वित्तीय वर्ष में गिरावट आने की संभावना है।