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घट सकता है चालू खाते का घाटा

Last Updated- January 19, 2023 | 11:38 PM IST
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प्रमुख संकेतकों से पता चलता है कि भारत चालू खाते का घाटा 2023 में कम हो सकता है। वहीं व्यापक-आर्थिक स्थिरता को महंगाई दर से बल मिल सकता है, जो अब तय आधिकारिक सीमा के भीतर आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जनवरी 2023 के बुलेटिन में ऐसा कहा गया है।

बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति नाम के लेख में कहा गया है, ‘एक तिमाही में वस्तुओं के व्यापार का घाटा अब तक के सर्वोच्च स्तर 83.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है और आय के खाते से निकासी बढ़ी है। ऐसे में वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा जीडीपी के 4.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है।’

आरबीआई स्टाफ ने लिखा है, ‘बहरहाल यह उल्लेखनीय है कि पहली तिमाही का चालू खाते का संशोधित घाटा 2.8 प्रतिशत से घटकर 2.2 प्रतिशत रह गया है, जो सीमा शुल्क के आंकड़ों के नीचे की ओर समायोजन की वजह से हुआ है। इसी तरह से वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में सीएडी कम हो सकता है, क्योंकि सीमा शुल्क के आंकड़ों या आयात में संशोधन होगा।’

नवंबर 2022 में सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष के लिए चालू खाते का घाटा जीडीपी के 3 से 3.2 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है, जो इसके पहले के साल के 1.2 प्रतिशत की तुलना में बहुत ज्यादा है।

अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लेख में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा लेखकों में से एक हैं। इस लेख में व्यक्त लेखकों के विचार रिजर्व बैंक के विचार नहीं होते हैं।

2023 में होने वाले शुरुआती बदलाव से पता चलता है कि भारत की व्यापक आर्थिक स्थितता आगे और सुदृढ़ होगी, क्योंकि हाल के आंकड़े में मौद्रिक नीति की पहली सफलता नजर आ रही है।

रिजर्व बैंक के स्टाफ ने लिखा है कि महंगाई दर रिजर्व बैंक की तय सीमा 2 से 6 प्रतिशत के बीच आ गई है। लेख में कहा गया है कि 2023 के लिए महंगाई को बांधे रखना मकसद है, ताकि यह 2024 तक रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य के मुताबिक बनी रहे। यह रिजर्व बैंक की दूसरी सफलता होगी।

भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर दिसंबर में मामूली कम होकर 5.7 प्रतिशत रह गई है, जो एक महीने पहले 5.88 प्रतिशत पर थी। यह रिजर्व बैंक द्वारा तय 2 से 6 प्रतिशत की सीमा में है। प्रमुख महंगाई दर, जिसमें खाद्य व ईंधन के दाम में उतार चढ़ाव ज्यादा है, मई से ही 6 प्रतिशत के आसपास के बढ़े स्तर पर बनी हुई है।

पिछले नीतिगत बयान में दिसंबर की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने प्रमुख महंगाई दर को नीचे लाने पर जोर दिया था। आर्थिक वृद्धि को लेकर लेख में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में रियल जीडीपी वृद्धि इस साल के 7 प्रतिशत के नीचे रह सकती है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुमान के मुताबिक इसमें कमी आने की संभावना है। रिजर्व बैंक ने सितंबर 2022 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

नवंबर में अमेरिकी डॉलर का शुद्ध खरीदार बना रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने घरेलू मुद्रा बाजार से 22 नवंबर को 4.36 अरब डॉलर की अमेरिकी डॉलर की शुद्ध खरीदारी की है। यह मई 2022 के बाद पहली बार हुआ है, जब केंद्रीय बैंक ने अमेरिकी मुद्रा खरीदी है।

जनवरी 2023 के केंद्रीय बैंक के बुलेटिन से पता चलता है कि नवंबर महीने में रिजर्व बैंक ने 22.28 अरब डॉलर की अमेरिकी मुद्रा खरीदी और 17.92 अरब डॉलर की मुद्रा बेची है।

First Published - January 19, 2023 | 11:31 PM IST

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