केंद्र सरकार की शुद्ध राजस्व प्राप्तियों में विभिन्न प्रकार के उपकरों के माध्यम से एकत्रित आय का हिस्सा वित्त वर्ष 2014 के 7.3 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 21 में 18.2 फीसदी हो गया है। संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्रालय ने सरकार द्वारा एकत्रित उपकर का विवरण साझा किया था।
आंकड़े दर्शाते हैं कि वित्त वर्ष 14 में उपकर के रूप में 73,880 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। यह उसी साल 10.14 लाख करोड़ रुपये की कुल राजस्व प्राप्ति का 7.3 फीसदी था। वित्त वर्ष 21 में, उप कर जमा बढ़कर 296,884 करोड़ रुपये हो गया (वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा उपकर को छोड़कर)। यह उसी साल के 16.33 लाख करोड़ रुपये की कुल राजस्व प्राप्ति का 18.2 फीसदी है।
व्यक्तिगत करदाताओं के लिए, उपकर अतिरिक्त नियमित करों की तरह होते हैं क्योंकि ये उनके कर के कुल बोझ को बढ़ाते हैं। हालांकि, उपकर केंद्र की कर कोष में जुड़ते हैं, लेकिन राज्यों को इसका हिस्सा नहीं मिलता है। जीएसटी लागू होने के बाद, राज्य अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए वित्त के स्रोत के रूप में केंद्रीय कर विचलन पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं।
पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए केंद्र द्वारा उपकर लगाने के बढ़ते मामलों पर राज्य चिंता जता रहे थे। बैठक के दौरान, राज्यों ने केंद्र सरकार से उपकर को कर की मूल दरों में विलय करने का आग्रह किया ताकि राज्यों को करों के विचलन के दौरान उनका उचित हिस्सा प्राप्त हो सके।
डॉ. बी.आर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एन आर भानुमूर्ति कहते हैं कि उपकर और अधिभार को विभाज्य पूल में लाने की आवश्यकता है और इन्हें नियमित करों की तरह राज्यों के बीच वितरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इस समावेशन से, राज्यों को अपनी व्यय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए केंद्र की शुद्ध आय से विचलन का एक बड़ा हिस्सा मिलेगा।’
14वें वित्त आयोग ने यह भी सिफारिश की थी कि उपकर से एकत्रित राजस्व को विभाज्य पूल के तहत रखने के लिए एक संवैधानिक संशोधन लाया जाए। केंद्र अभी स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर, पेट्रोल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, हाई-स्पीड डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर, राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क, कच्चे तेल पर उपकर, निर्यात पर उपकर, कृषि अवसंरचना और विकास उपकर और जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकरजैसे उपकर एकत्र करता है।