अर्थव्यवस्था

केंद्र को 50,000 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष में अब तक जीएसटी अधिकारियों को 1.36 लाख करोड़ रुपये कर चोरी का पता चला है। इसमें से 14,108 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।

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श्रीमी चौधरी   
Last Updated- October 24, 2023 | 9:53 PM IST

चालू वित्त वर्ष में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी के जो मामले सामने आए हैं, उनसे सरकार को 50,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम वसूल होने की उम्मीद है। यह रकम पिछले वित्त वर्ष में हुई वसूली से दोगुनी होगी। अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल अब तक की सबसे बड़ी कर वसूली हो सकती है।

चालू वित्त वर्ष में अब तक जीएसटी अधिकारियों को 1.36 लाख करोड़ रुपये कर चोरी का पता चला है। इसमें से 14,108 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2023 के दौरान 1.01 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला था, जिसमें से 21,000 करोड़ रुपये वसूल किए गए थे। कई बीमा कंपनियों ने अनुचित तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे किए थे। तंबाकू एवं अचल संपत्ति के मामले में भी कई इकाइयों ने गलत तरीके अपनाकर कर बचाया था।

एक अधिकारी ने कहा कि पिछले साल धोखाधड़ी करने वालों ने कई अनुचित नीतियां अपना कर कर चोरी को अंजाम देने की कोशिश की थी। मसलन उन्होंने कम कर चुकाने के लिए कर योग्य जीएसटी कम दिखाया था और गलत तरीके से रियायत भी हासिल की थी। इसके अलावा उन्होंने गलत तरीके अपनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया था। मगर जीएसटी चोरी का पता लगाने और संभावित वसूली के लिए कई अनुपालन शर्तें लागू की जाएंगी। इसके अलावा कुछ खास क्षेत्रों में जीएसटी प्रणाली में संशोधन भी किए जाएंगे।

अधिकारी ने कहा कि क्रिप्टो लेन-देन पर कराधान, ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत कर, ओटीटी प्लेटफॉर्म सहित ओआईडीएआर सेवा प्रदाताओं के दायरे का विस्तार और भारत में काम करने वाले विदेशी पर कर लगाने जैसे अनुपालन प्रभाव में लाए जाएंगे। इन उपायों के अलावा केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कर चोरी रोकने और कर वसूली के लिए अपने-अपने स्तरों पर विशेष अभियान भी चलाए थे। अधिकारी ने कहा कि इससे भी कर वसूली का आंकड़ा बढ़ेगा।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘ऑनलाइन गेमिंग के मामले में अगर शीर्ष न्यायालय का आदेश जीएसटी अधिकारियों के पक्ष में रहा तो कर वसूली की रकम और अधिक हो सकती है।’

पिछले कुछ महीनों के दौरान कई ई-गेमिंग कंपनियों को कर चुकाने का नोटिस भेजा गया था। इन नोटिस में कम भुगतान और 1 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी के दावे किए गए थे।

कर अधिकारियों की राय है कि ई-गेमिंग द्वारा दी जाने वाली सेवाएं सट्टेबाजी एवं जुए के समान ही हैं, इसलिए इन पर 28 प्रतिशत कर लगाया जाना चाहिए। ड्रीम 11, गेम्सक्राप्ट जैसी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सरकार के इस कदम को न्यायालय में चुनौती दी थी। अगर उच्चतम न्यायालय गेम्सक्राफ्ट को जारी नोटिस को वैध ठहराता है तो केंद्र के लिए बकाया करों की वसूली का रास्ता साफ हो जाएगा।

 

First Published : October 24, 2023 | 9:53 PM IST