अर्थव्यवस्था

वित्त वर्ष 2025 में 6.85% से अधिक की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था: मुख्य आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन

जनवरी में संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया था

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भाषा   
Last Updated- November 07, 2025 | 10:34 PM IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से अधिक रहने का भरोसा जताते हुए शुक्रवार को  कहा कि जीएसटी दरों में कटौती और आयकर राहत से खपत में आई तेजी इसका मुख्य कारण है। जनवरी में संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया था।

नागेश्वरन ने सीएनबीसी-टीवी18 के ‘ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘अब मुझे 6.8 प्रतिशत से ऊपर की दर सहजता से नजर आ रही है। अगस्त में हमें चिंता थी कि हम 6 से 7 प्रतिशत की सीमा के निचले स्तर तक ही रह जाएंगे, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक होगी और संभवतः 6.8 प्रतिशत से भी ऊपर जाएगी। हालांकि सात प्रतिशत का आंकड़ा कहने से पहले दूसरी तिमाही के आंकड़ों का इंतजार रहेगा।’ देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही थी। यह वृद्धि मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन और व्यापार, होटल, वित्तीय सेवाओं एवं रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों की मजबूती से हासिल हुई।

पिछली सर्वाधिक 8.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च 2024 में दर्ज की गई थी। चीन की वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 5.2 प्रतिशत रही थी। इस तरह भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। यदि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता  संपन्न हो जाता है तो आर्थिक वृद्धि को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।   

First Published : November 7, 2025 | 10:28 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)