राजनीति

Bihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसी

एडीआर की रिपोर्ट में बिहार चुनाव में अपराधी और धनवान उम्मीदवारों की हिस्सेदारी पिछले चुनाव जैसी बताई गई है और अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों को रेड अलर्ट घोषित किया गया है

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- November 09, 2025 | 10:30 PM IST

बिहार विधान सभा  चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार रविवार शाम को समाप्त हो गया। यहां दूसरे और अंतिम चरण में शेष 122 सीटों के लिए मंगलवार को मतदान होगा। राज्य विधान सभा में कुल सीटों की संख्या 243 है। चुनाव लड़ रहे 2616 उम्मीदवारों में से 431 राष्ट्रीय पार्टियों से संबंधित हैं। कुल 351 प्रत्याशी राज्य स्तरीय दलों और 908 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से हैं। खास बात यह कि 926 प्रत्याशी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपने विश्लेषण में कहा है कि चुनाव में धन शक्ति की भूमिका इस तथ्य से स्पष्ट है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दल धनी उम्मीदवारों को ही टिकट देते हैं। बिहार विधान सभा चुनाव में इस बार भी ऐसा ही हुआ है।

आपराधिक पृष्ठभूमि

एडीआर ने चुनाव लड़ रहे 2616 उम्मीदवारों में से 2600 के स्व-घोषित हलफनामों का विश्लेषण किया है। इनमें से 838 (32%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वर्ष 2020 में विश्लेषण किए गए 3722 उम्मीदवारों में से 1201 (32%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। इस वर्ष चुनाव में उतरे 695 (27%) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 2020 के चुनाव में 915 (25%) प्रत्याशी ही ऐसे थे। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार अपराध के मामले में चुनावी तस्वीर लगभग पिछले विधान सभा चुनाव जैसी ही है।

रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र

राज्य के 164 (67%) निर्वाचन क्षेत्रों को रेड अलर्ट घोषित किया गया है। ये वे क्षेत्र होते हैं, जहां तीन या इससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वर्ष 2020 में राज्य में 217 (89%) निर्वाचन क्षेत्रों को रेड अलर्ट वाली श्रेणी में रखा गया था।

42% करोड़पति

एडीआर के मुताबिक विश्लेषण किए गए 2600 उम्मीदवारों में से 1081 (42%) करोड़पति हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में राज्य में 3722 में से 1231 (33%) प्रत्याशी करोड़पति थे। प्रमुख दलों में से जन सुराज पार्टी के विश्लेषण किए गए 231 प्रत्याशियों में से 167 (72%), राजद के 140 में से 127 (91%), भाजपा के 101 में से 88 (87%), जदयू के 101 में से 92 (91%), कांग्रेस के 60 में से 49 (82%), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 28 में से 25 (89%), भाकपा माले के 20 में से 5 (25%), सीपीआई के 9 में से 5 (56%) और सीपीआई (एम) के 4 में से 3 (75%) ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 3.35 करोड़ रुपये है। पिछले चुनाव में प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 1.72 करोड़ रुपये थी।

आधे उम्मीदवार स्नातक

बिहार में इस चुनाव लड़ रहे कुल उम्मीदवारों में जिनका विश्लेषण किया गया, उनमें 1047 (40%) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं और 12वीं कक्षा के बीच बताई है, जबकि 1278 (49%) स्नातक या उससे अधिक पढ़े हैं। यही नहीं, 34 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक भी हैं और 222 उम्मीदवारों ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है। कुल 17 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता।

इस बार 908 (35%) उम्मीदवार 25 से 40 वर्ष के हैं तो 1349 (52%) की आयु 41 से 60 वर्ष के बीच है। 339 (13%) उम्मीदवारों की उम्र 61 से 80 वर्ष के बीच तो 4 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जो 80 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। चुनाव में 254 (10%) महिलाएं भी ताल ठोंक रही हैं। पिछले चुनाव में यह संख्या थोड़ी ज्यादा 371 थी।

First Published : November 9, 2025 | 10:30 PM IST