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RSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवत

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग और अदालतों ने आरएसएस को व्यक्तियों का एक निकाय माना है और संगठन को आयकर से छूट दी गई है

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भाषा   
Last Updated- November 09, 2025 | 10:27 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन पर बिना पंजीकरण के काम करने का आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि उनके संगठन को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मान्यता प्राप्त है।

भागवत ने आरएसएस की ओर से आयोजित एक आंतरिक प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी, तो क्या आप उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटिश सरकार के पास पंजीकरण कराते?’ उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत सरकार ने पंजीकरण अनिवार्य नहीं बनाया। भागवत ने स्पष्ट किया, ‘हमें व्यक्तियों के निकाय के रूप में वर्गीकृत किया गया है और हम मान्यता प्राप्त संगठन हैं।’

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग और अदालतों ने आरएसएस को व्यक्तियों का एक निकाय माना है और संगठन को आयकर से छूट दी गई है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘हम पर तीन बार प्रतिबंध लगाया गया। ऐसे में सरकार ने हमें मान्यता दी है। अगर हमारा अस्तित्व नहीं था, तो उन्होंने किस पर प्रतिबंध लगाया?’ भागवत ने कहा कि कई चीजें पंजीकृत नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि हिंदू धर्म भी पंजीकृत नहीं है।’

आरएसएस के केवल भगवा ध्वज का सम्मान करने और तिरंगे को मान्यता नहीं देने के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि आरएसएस में भगवा को गुरु माना जाता है, लेकिन वह भारतीय तिरंगे का बहुत सम्मान करता है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘हमने हमेशा अपने तिरंगे का सम्मान किया है और उसकी रक्षा की है।’

भागवत की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल में कहा था कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने आरएसएस की पंजीकरण संख्या और उसके वित्तपोषण के स्रोत पर भी सवाल उठाए।

भागवत ने स्पष्ट किया कि आरएसएस किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘हम वोट की राजनीति, वर्तमान राजनीति, चुनावी राजनीति आदि में हिस्सा नहीं लेते। संघ का काम समाज को एकजुट करना है और राजनीति स्वभाव से विभाजनकारी है, इसलिए हम राजनीति से दूर रहते हैं।’ आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि संघ नीतियों का समर्थन करता है, न कि किसी व्यक्ति या पार्टी का। 

First Published : November 9, 2025 | 10:27 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)