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शीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचा

विपक्षी दलों ने छोटे शीतकालीन सत्र पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और संसदीय जवाबदेही से बचने की कोशिश है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- November 09, 2025 | 10:32 PM IST

संसद का शीतकालीन सत्र 1 से 19 दिसंबर तक चलेगा। संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि पूरे सत्र के दौरान दोनों सदनों में लगभग 15 बैठकें होंगी। विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि शीतकालीन सत्र बुलाने में असामान्य रूप से देर की गई है। साथ ही कहा कि केवल 15 बैठकों वाला यह बहुत संक्षिप्त सत्र होगा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘यह सिर्फ 15 कार्य दिवस वाला सत्र होगा, इससे सरकार क्या संदेश देना चाहती है? स्पष्ट रूप से सरकार के पास कोई कामकाज नहीं है। कोई बिल पारित नहीं होना है और किसी भी बहस की अनुमति नहीं दी जाएगी।’

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने आरोप लगाया कि सरकार को ‘पार्लियामेंट-ओफोबिया’ है। सरकार को संसद का सामना करने में डर लगता है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रति सत्र संसद की बैठकों की औसत संख्या घटकर 17 दिन रह गई है। हाल के वर्षों में बैठकों की संख्या ऐतिहासिक रूप से कम होती गई है। वैसे, ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी सत्र में कम बैठकें होंगी, इससे पहले भी लोक सभा में संक्षिप्त अवधि के लिए बैठकें हुई हैं।

First Published : November 9, 2025 | 10:32 PM IST