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एमएसएमई: जिला स्तर पर सुलझेंगे भुगतान में देरी के मामले

Last Updated- December 11, 2022 | 9:11 PM IST

सूक्ष्म, लघु व मझोले उदयमी (एमएसएमई) भुगतान मिलने में देरी की समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार इस समस्या को जिला स्तर पर ही सुलझाने की योजना बना रही है। इसके लिए तहत जिला स्तर पर एमएसएमई फेसिलिटेशन सेंटर खोले जाएंगे। अभी तक ये सेंटर राज्य स्तर पर थे। केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय एमएसएमई नीति बना रही है। केंद्र सरकार के एमएसएमई विभाग ने इस नीति के मसौदे  को अपनी वेबसाइट पर जारी कर इस पर 28 फरवरी तक सुझाव मांगे हैं। इस मसौदे में प्रतिस्पर्धात्मकता, प्रौद्योगिकी उन्नयन, क्लस्टर और बुनियादी ढांचे के विकास, एमएसएमई उत्पादों की खरीद और समर्पित ऋण सहायता को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों के प्रस्ताव शामिल है।
नई राष्ट्रीय एमएसएमई नीति के मसौदे में एमएसएमई को बढावा देने के लिए जिला स्तर पर उपाय करने पर जोर दिया गया है। एमएसएमई को भुगतान में होने वाली देरी के समाधान के लिए राज्य स्तर पर फेसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन सेंटर तक खासकर संबंधित राज्य के दूर—दराज या छोटे शहरों के कारोबारियों की पहुंच आसान नहीं होती है। इस समस्या को देखते हुए नई नीति में जिला स्तर पर फेसिलिटेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव है। तकनीक उन्नयन को बढावा देने के लिए मसौदा नीति में कहा गया है कि देश भर में जिला स्तर पर एमएसएमई टूल रूम स्थापित किए जाने चाहिए। मसौदे में एमएसएमई क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक "केंद्रित संस्थान" स्थापित करने की सिफारिश की गई है। निर्यातकों और आयातकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए मदद करने मसलन अनुबंधों को लागू करने की शर्तों, गैर-न्यायिक कार्यों जैसे अनुबंधों का मसौदा तैयार करने, तकनीकी-कानूनी औपचारिकताओं के लिए सलाह आदि के लिए जिला स्तर पर सस्ती कानूनी सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
नई नीति में एमएसएमई की वित्त तक पहुंच में सुधार के लिए विभिन्न ऋण आवेदन प्रारूपों में एकरूपता लाने के साथ ही 7-10 दिनों के भीतर सैद्धांतिक मंजूरी के साथ ऋण आवेदनों का निपटान करने का प्रस्ताव है। एमएसएमई नीति के मसौदे में एमएसएमई अधिनियम को एक व्यापक और समग्र "एमएसएमई कोड" के रूप में फिर से परिभाषित करने का सुझाव दिया गया है ताकि कई नियामक विधियों के तहत एमएसएमई में पंजीकृत होने या बाहर निकलने, दस्तावेज़ीकरण और घोषणा प्रक्रियाओं से संबंधित नियामक मानदंडों के बारे में स्पष्टता लाई जा सके।

First Published - February 17, 2022 | 11:30 PM IST

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