Budget 2024: केंद्रीय बजट 2024-25 के पहले व्यापार और उद्योग संगठनों ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कर घटाने, शोध एवं विकास (आरऐंडडी) को बढ़ावा देने के लिए निवेश करने, ट्रांसफर प्राइसिंग को सरल बनाने और कुछ उत्पादों के सीमा शुल्क में बदलाव करने की मांग की है। नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बजट के पहले हुई बैठक के दौरान निर्यातकों ने निर्यात को प्रोत्साहन देने वाली इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन जैसी योजनाएं जारी रखने, बाजार तक पहुंच की पहल संबंधी योजना के लिए ज्यादा बजट आवंटन, रत्न एवं आभूषण सेक्टर के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की मांग की है।
वित्त मंत्री के साथ यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब वैश्विक व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण भारत का आईटी उद्योग लगातार सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। वस्तुओं का निर्यात भी भू-राजनीतिक तनावों की वजह से सुस्त राह पर है। आईटी उद्योग के लॉबी समूह नैसकॉम ने ट्रांसफर प्राइसिंग में भारत की कर प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत करने की मांग की है, जो सामान्यतया कंपनियों व उनकी सहायक इकाइयों के बीच लेनदेन से जुड़ा मसला है।
संगठन ने कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है, जिससे उन्हें सेफ हॉर्बर नियमों का पात्र बनाया जा सके। इस समय 200 करोड़ रुपये तक का अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करने वाली कंपनियां सेफ हॉर्बर नियमों की पात्र हैं। उद्योग संगठन ने इसके बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है। उद्योग संगठन ने वैश्विक धारणा के अनुरूप सेफ हॉर्बर के तहत लागू मार्जिन दरों में भी कमी की उम्मीद जताई है।
इस समय भारत में आईटी सक्षम सेवाओं के लिए सेफ हॉर्बर के तहत लागू मार्जिन 17 से 18 फीसदी है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह दरें करीब 5 फीसदी हैं।
निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम को 5 साल के लिए बढ़ाया जाए।
यह योजना 30 जून तक के लिए वैध है। योजना के तहत बैंक निर्यातकों को कम ब्याज पर धन मुहैया कराते हैं और बाद में सरकार बैंकों को इसकी भरपाई करती है। संगठन ने कहा, ‘पिछले 2 साल में रीपो दर 4.4 फीसदी से 6.5 फीसदी पर पहुंच गई है। ऐसे में ब्याज पर छूट की दरें एमएसएमई के विनिर्माताओं के लिए 3 फीसदी से 5 फीसदी और अन्य सभी 410 शुल्कों पर 2 फीसदी से 3 फीसदी की जा सकती है।’
वैश्विक रूप से शोध एवं विकास को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसे देखते हुए फियो ने सरकार से अनुरोध किया है कि निर्यात बनाए रखने के लिए सरकार को भी ऐसा करना चाहिए। इसने कहा है कि 38 ओईसीडी देशों में से 35 देश आरऐंडडी पर होने वाले खर्च पर कम कर लगाते हैं या अधिक छूट देते हैं।
रत्न एवं आभूषण निर्यात प्रोत्साहन परिषद ने आभूषण के निर्यात पर ड्यूटी ड्रॉबैक, विशेष अधिसूचित क्षेत्रों में सेफ हॉर्बर नियम और इस क्षेत्र के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कच्चे हीरे पर इक्वलाइजेशन लेवी खत्म करने की मांग की है, जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निर्यात में 30 फीसदी गिरावट आई है।
रिलायंस पॉलिएस्टर के प्रेसीडेंट और स्ट्रैटेजी ऐंड बिजनेस डेवलपमेंट के प्रमुख अजय सरदाना ने कहा कि पेट्रो रसायनों पर सीमा शुल्क दोगुना करके 5 फीसदी किया जाना चाहिए जिससे चीन के उत्पादों की डंपिंग को रोका जा सके।
इस बैठक में विप्रो लिमिटेड सहित व्यापार और उद्योग संगठनों, तमिलनाडु, कोलकाता, गुजरात के चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुखों, नैसकॉम, फेडरेशन ऑफ होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया, नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, फियो, जेम्स ऐंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल जैसी निर्यात संवर्धन परिषदों व संगठनों ने हिस्सा लिया।