BS BFSI Summit 2023: साल के बहुप्रतीक्षित कार्यक्रमों में से एक ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट 2023’ का आगाज आज यानी सोमवार को मुंबई में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दो दशक पहले भारत के हसरतों से भरे युवाओं में क्रेडिट कार्ड और ईएमआई संस्कृति शुरू करने और बढ़ाने में अग्रणी रहे दिग्गज बैंकर केवी कामत के साथ बातचीत से शुरू हुई। बता दें कि बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2023 दो दिवसीय शिखर सम्मेलन है जो 30 और 31 अक्टूबर को मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया गया है।
BS BFSI Summit 2023 में केवी कामथ ने कहा, “कोविड-19 के बाद और यूरोपीय संघ की स्थिति के बाद, हमने मुद्रास्फीति में वृद्धि देखी। भारत की प्रतिक्रिया नपी-तुली थी। यूरोपीय संघ ने बिल्कुल भी कुछ नहीं किया।” समिट में रैपिड फायर बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि बहुत सारी बाहरी चीज़ें अर्थव्यवस्था पर असर डाल रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में, हमने उनमें से कई का सामना किया है। पहले, कोविड में चिकित्सा आपातकाल था, और फिर भू-राजनीतिक मुद्दे।
बैंकिंग सेक्टर पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि भारत या विदेश में बैंकिंग क्षेत्र में इस तरह का संरेखण कभी नहीं देखा गया। बैंक लगातार उच्च परिसंपत्ति गुणवत्ता बनाए रखते हुए उच्च पूंजी पर्याप्तता पर चल रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि बड़े ऋण छोटे ऋणों की तुलना में अधिक स्थिर होते हैं। हम 2-3 प्रतिशत के शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) पर उधार देते थे। अब हम लोगों को 8-9 प्रतिशत NIM की बात करते हुए देखते हैं। बीएस बीएफएसआई इनसाइट समिट में केवी कामथ ने कहा, नुकसान सहने की क्षमता अधिक है।
यह भी पढ़ें : BS BFSI Summit LIVE: कोविड के बाद मुद्रास्फीति पर भारत की नपी-तुली प्रतिक्रिया रही: कामथ
केवी कामथ ने कहा कि म्यूचुअल फंड (MF) को बाजार धीरे-धीरे समझ रहा है। “आज का बचतकर्ता वित्तीय रूप से शिक्षित बचतकर्ता है और उन जोखिमों को उठाने में सक्षम है।”
उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था जो 5-7 प्रतिशत है, अब अगले कुछ वर्षों में समग्र अर्थव्यवस्था में 20-25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। उनका मानना है कि प्रत्येक NBFC के साथ एक बैंक की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। बीएस बीएफएसआई इनसाइट समिट में उन्होंने कहा, एक NBFC आज की तकनीक से चल सकती है जो काफी सस्ती है।
बता दें कि कामथ ने कई फर्मों में जिम्मेदारी निभाई हैं। वह आईसीआईसीआई बैंक के मुख्य कार्या धिकारी से लेकर इन्फोसिस के चेयरमैन और ब्रिक्स के प्रमुख तक रहे हैं। फिलहाल वह नैशनल बैंक फॉर फाइनैंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपमेंट के चेयरमैन हैं। वह देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई जियो फाइनैं शियल सर्विसेज के भी चेयरमैन हैं।
इस कार्यक्रम में देश के शीर्ष नीति निर्माता वैश्विक चुनौतियों के बीच वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए भविष्य की वृद्धि की राह पर विचार मंथन करेंगे। बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट के दौरान मुद्रास्फीति और मुद्रा प्रबंधन पर दास की टिप्पणी पर करीबी नजर रहेगी और वित्तीय क्षेत्र के लोग आने वाले दिनों में उसके मायने निकालेंगे।