कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान कोयले का उत्पादन बढ़कर 9,883.2 लाख टन हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 9,180.2 लाख टन था। केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने साल के आखिर की रिपोर्ट में इस उत्पादन को नया रिकॉर्ड बताते हुए कहा कि इस दौरान कोयला उत्पादन करीब 7.66 प्रतिशत बढ़ा है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की खदानों से बढ़ी आपूर्ति और निजी खदानों से ज्यादा उत्पादन को देखते हुए उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक कोयला उत्पादन, पिछले वित्त वर्ष में हुए 9,970 लाख टन उत्पादन के आंकड़ों को पार कर जाएगा।
मंत्रालय ने कहा है कि निजी और वाणिज्यिक खदानों से कोयले का उत्पादन जनवरी से नवंबर 2024 के दौरान 1,620 लाख टन रहा है। 2015 से अब तक 2,570 लाख टन सालाना अधिकतम निर्धारित क्षमता वाली 113 कोयला खदानों की नीलामी की जा चुकी है। मंत्रालय ने कहा कि इस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का फैसला कोयले का आयात घटाने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के मकसद से किया गया था।
मंत्रालय ने कहा, ‘भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत करने और आयातित कोयले की जगह घरेलू खदानों से कोयला उत्पादन कर आत्मनिर्भर भारत को मूर्त रूप देने के लिए कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 में 1.31 अरब टन और वित्त वर्ष 2030 तक 1.5 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है।’
शून्य आयात पर जोर ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब कोयले का उत्पादन बढ़ने के बावजूद बिजली मंत्रालय को बिजली संयंत्रों को चालू रखने के लिए कुछ निश्चित मात्रा में कोयला आयात अनिवार्य करना पड़ा है। बाद में कोयला मंत्रालय ने भी कोकिंग कोल (गैर बिजली क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले) के आयात को घटाने की कवायद शुरू की। घरेलू कोकिंग कोल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कोयला मंत्रालय ने ‘मिशन कोकिंग कोल’ पेश किया, जिससे कोकिंग कोल का आयात घटाया जा सके।
स्टील क्षेत्र में इसकी मांग को देखते हुए यह फैसला किया गया। इस मिशन का लक्ष्य घरेलू कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन 2029-30 तक बढ़ाकर 1,400 लाख टन करना है। वित्त वर्ष 2029-30 तक सीआईएल की सहायक इकाइयों से कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाकर करीब 1,050 लाख टन करने का लक्ष्य है, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 604.3 लाख टन था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने हाल ही में खबर दी थी कि केंद्र सरकार कोल रिफॉर्म 3.0 शुरू करने की तैयारी में है, जिसका मकसद कोयला आयात घटाना और औद्योगिक क्षेत्र के लिए कोयले की उपलब्धता बढ़ाना है।
कोयला मंत्रालय ने कोकिंग कोल का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। शुरुआती कदमों में नई फॉरवर्ड बिडिंग ऑक्शन शामिल है, जिसमें घरेलू कोकिंग कोल की नीलामी दो तरीकों से की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा, ‘एक तरीका स्टील इकाइयों और वाशरीज के लिए होगा और दूसरा इससे इतर इकाइयों के लिए। जो इकाइयां अपने कोयले की धुलाई का विकल्प चुनेंगी, उन्हें उनके सह उत्पाद बेचने की अनुमति दी जाएगी।’