GST 2.0: दिवाली से पहले सरकार ने कंज्यूमर्स को जबरदस्त गिफ्ट दिया है। जीएसटी काउंसिल ने TV, AC, डिशवॉशर समेत कई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया है। नया टैक्स रेट 22 सितंबर से लागू होगा। फेस्टिव सीजन शुरू होने ठीक पहले इस ऐलान से डिमांड में जबरदस्त बूस्ट देखने को मिल सकता है। अक्टूबर में फेस्टिव सीजन पीक पर होता है।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की कई कैटेगरी पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया है। इनमें एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, टेलीविजन सेट, मॉनिटर, प्रोजेक्टर, सेट-टॉप बॉक्स शामिल हैं।
भारत के टैक्स कानून के मुताबिक, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की एमआरपी (MRP) में जीएसटी शामिल होता है। ऐसे में औसत कीमतों के हिसाब से यह कटौती ग्राहकों को सीधी बचत दे सकती है। इसे ऐसे समझें-
एयर कंडीशनर: 1-1.5 टन इन्वर्टर मॉडल (कीमत लगभग ₹30,000) ₹3,000-3,500 तक सस्ता हो सकता है।
डिशवॉशर: ₹50,000 के मॉडल पर लगभग ₹5,000 तक की बचत संभव है।
टेलीविजन: ₹30,000 के टीवी पर लगभग ₹3,000 की कमी आ सकती है।
एम्बर एंटरप्राइजेज के सीईओ जसबीर सिंह ने कहा, “एयर कंडीशनर पर जीएसटी 28% से 18% होने से यह ज्यादा किफायती होंगे और देशभर में इसकी डिमांड बढ़ेगी। खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में जहां आय बढ़ने के साथ-साथ लोग कीमत को लेकर संवेदनशील रहते हैं। यह सुधार दिखाता है कि सरकार कंजंप्शन-लेड ग्रोथ को लेकर आत्मविश्वास में है, जिससे कंज्यूमर स्पेंडिंग, रिटेल सेक्टर और कुल मार्केट सेंटिमेंट को बूस्ट मिलेगा।”
जीएसटी कानून के तहत टैक्स दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना अनिवार्य है। जैसाकि पहले बिज़नेस स्टैंडर्ड ने रिपोर्ट किया था, सरकार जीएसटी 2.0 के लॉन्च के बाद सीमित अवधि के लिए एंटी-प्रॉफिटियरिंग प्रावधान फिर से लागू करने पर विचार कर रही है।
2017 में बनी नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) दिसंबर 2022 में भंग कर दी गई थी और इसके अधिकार कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) को सौंप दिए गए थे। लेकिन 2024 के मध्य में CCI ने साफ किया कि एंटी-प्रॉफिटियरिंग उसकी जिम्मेदारी नहीं है। अब यह काम टैक्स विभाग देखेगा। इसका मतलब है कि ग्राहकों को जीएसटी कटौती का सीधा लाभ मिलेगा।
भारत में त्योहारी सीजन आमतौर पर सितंबर से शुरू होकर नवंबर तक चलता है और दिवाली (20-21 अक्टूबर) पर पीक पर पहुंचता है। परंपरागत रूप से यह क्वार्टर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडस्ट्री के लिए सबसे मजबूत रहा है। ऐसे में जीएसटी में 10 प्रतिशत अंक की कटौती शहरी बाजारों में डिमांड को बढ़ा सकती है, खासकर महंगे उपकरणों के लिए जहां कीमत अहम फैक्टर है।
ये जीएसटी कटौती ऐसे समय आई है जब मैन्युफैक्चरर्स को इनपुट कॉस्ट और करेंसी वोलैटिलिटी से मार्जिन प्रेशर का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही बदलते व्यापारिक रिश्ते और भू-राजनीतिक परिस्थितियों से सप्लाई चेन भी प्रभावित हो रही है।