अगस्त महीने में बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी रहने के कारण बैंकों ने सर्टिफिकेट आफ डिपॉजिट (सीडी) जारी कर धन जुटाने की कवायद की। सीडी कम अवधि के ऋण साधन होते हैं, जिनका इस्तेमाल बैंक धन जुटाने के लिए करते हैं। अगस्त में बैंकों ने 56,895 करोड़ रुपये के सीडी जारी किए।
क्लियरिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) के आंकड़ों के मुताबिक इसमें से 42,395 करोड़ रुपये के सीडी 12 अगस्त के बाद जारी किए गए हैं। जुलाई में कुल इश्यू 45,550 करोड़ रुपये रहा। बाजार हिस्सेदारों को उम्मीद है कि बैंक संभवतः सीडी के माध्यम से धन जुटाना जारी रखेंगे, क्योंकि अटकलबाजी लगाई जा रही है कि आरबीआई बढ़े क्रेडिट रिजर्व रेशियो (आई-सीआरआर) की अवधि बढ़ा सकता है।
रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर व बॉन्ड बाजार के दिग्गज वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन का कहना है, ‘सब कुछ रिजर्व बैंक पर निर्भर है। बाजार में अनुमान लगाया जा रहा है कि कम से कम आंशिक रूप से आई-सीआरआर को बढ़ाए जाने की संभावना है।
श्रीनिवासन ने कहा, ‘नकदी की स्थिति सुधर रही है, लेकिन पर्याप्त नहीं है। एक लाख करोड़ रुपये से कम कोई भी अतिरिक्त राशि पर्याप्त नहीं है।’