वाहन परीक्षण और प्रमाणन एजेंसी ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) देश के वाहन परीक्षण ढांचे को बेहतर बनाने के लिए अगले चार से पांच साल के दौरान 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है।
यह निवेश हाइड्रोजन इंजन (एच2आईसीई) से चलने वाले वाहनों और निर्माण उपकरणों के लिए परीक्षण ढांचे की स्थापना के साथ-साथ अतिरिक्त सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के लिए किया जाएगा। एजेंसी के पास पहले से ही एथनॉल 20 ईंधन वाले वाहनों के लिए परीक्षण क्षमताएं हैं।
एआरएआई के निदेशक रेजी मथाई ने कहा ‘अगले चार से पांच साल के लिए हमने लगभग 500 करोड़ रुपये लगाने के बारे में सोचा है ताकि आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों सकें।’ परीक्षण एजेंसी पहले से ही आधुनिक चालक सहायता प्रणाली (एडीएएस) जैसी सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है।
देश में हाइड्रोजन इंजन वाले वाहन अभी भी अपने शुरुआती चरण में हैं, लेकिन वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता लंबी दूरी और भारी-भरकम उपयोगों के लिए हाइड्रोजन इंजन वाले ट्रकों पर विचार कर रहे हैं।