facebookmetapixel
गुणवत्ता सुधार से अफसरशाही तक: नीति आयोग समिति ने क्यूसीओ व्यवस्था पर खींची लगामजलवायु संकट के मोर्चे पर दोराहे पर दुनिया: ग्रीन एनर्जी बनाम जीवाश्म ईंधन की जंग?मुंबई में ₹1.05 लाख करोड़ के टनल रोड नेटवर्क से भीड़भाड़ घटेगी, शहर को मिलेगी निर्बाध कनेक्टिविटीबिहार: विश्व का प्रथम गणराज्य जो अब कहीं गुम है — राजनीतिक जुनून की देनRBI का राज्यों को संकेत, बढ़ती बॉन्ड यील्ड के बीच बाजार उधारी को टालने की दी सलाहUPL के मजबूत तिमाही नतीजों से शेयर 1.7% चढ़ा, एडवांटा और लैटिन अमेरिकी बाजारों ने दिखाया दमराष्ट्रीय राजमार्गों के टोल नियमों में होगा बड़ा बदलाव, नीति आयोग और IIT दिल्ली मिलकर तय करेंगे नए बेस रेटPM Internship Scheme में होंगे बड़े बदलाव, युवाओं के लिए योग्यता मानदंड शिथिल करने पर विचारबाजार हलचल: FPI की बिकवाली से सूचकांकों पर दबाव, IPOs के लिए हलचल वाला हफ्ताअनुसूची ‘M’ का पालन न करने वाली दवा कंपनियों पर नियामकीय कार्रवाई तय, CDSCO ने राज्यों को दिए निर्देश

ADB ने भारत के GDP वृद्धि दर अनुमान में किया इजाफा, कहा- सार्वजनिक और निजी निवेश के बेहतर आउटलुक

एडीबी का संशो​धित अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए लगाए गए 7 फीसदी वृद्धि के अनुमान के अनुरूप है।

Last Updated- April 11, 2024 | 9:49 PM IST
Economy: Steps towards normalization अर्थव्यवस्था: सामान्यीकरण की ओर कदम

ए​शियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर अनुमान आज बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया। एडीबी ने पहले 6.7 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था।

एडीबी ने कहा कि सार्वजनिक और निजी निवेश के बेहतर परिदृश्य और सेवा क्षेत्र की मजबूत वृद्धि को देखते हुए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाया गया है। हालांकि उसने कहा कि भारत के आ​र्थिक परिदृश्य में कच्चे तेल की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा जैसे अप्रत्या​शित वै​श्विक झटके और प्रतिकूल मौसम से कृ​षि उपज प्रभावित होने का जो​खिम भी है।

यह अनुमान एडीबी के प्रमुख आ​​र्थिक प्रकाशन का अप्रैल 2024 के ‘ए​शियन डेवलपमेंट आउटलुक’ का हिस्सा है जिसे आज जारी किया गया।

एडीबी ने कहा, ‘बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्र और राज्य सरकारों के पूंजीगत निवेश और निजी कंपनियों के निवेश बढ़ने, सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन तथा उपभोक्ता के आत्मविश्वास में सुधार की बदौलत वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। वस्तुओं के निर्यात में सुधार और विनिर्माण उत्पादकता तथा कृ​षि उत्पादन बढ़ने से वित्त वर्ष 2026 में भी वृद्धि की रफ्तार बढ़ेगी।’

एडीबी का संशो​धित अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए लगाए गए 7 फीसदी वृद्धि के अनुमान के अनुरूप है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने पिछले हफ्ते कहा था कि द​क्षिण-प​श्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की उम्मीद है जिससे कृ​षि गतिवि​धियों में तेजी आएगी।

समिति ने कहा था, ‘विनिर्माण क्षेत्र की गति बरकरार रहने की उम्मीद है। सेवा गति​वि​धियां महामारी के पहले के स्तर से अ​धिक रह सकती हैं। इसके साथ ही शहरों में मांग बनी रहने और ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ने से निजी खपत में भी तेजी आनी चाहिए।’

एडीबी में भारत के कंट्री डायरेक्टर मियो ओक ने कहा कि वै​श्विक स्तर पर प्रतिकूल ​स्थितियों के बावजूद भारत अपनी मजबूत घरेलू मांग और अनुकूल नीतियों के दम पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने, वित्तीय सुदृढ़ता और अनुकूल कारोबारी माहौल के सरकार के प्रयास से विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा और इससे आगे निर्यात में भी तेजी आएगी।’

एडीबी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में पिछले साल की तुलना में केंद्र सरकार के पूंजीगत खर्च में 17 फीसदी की वृद्धि और राज्य सरकारों द्वारा निवेश बढ़ाने से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। एडीबी के अनुसार नई सरकार बनने के बाद शहरी मध्य आय वर्ग के लिए मकान की योजना को बढ़ावा देने की उम्मीद है जिससे हाउसिंग क्षेत्र में तेजी आएगी।

​वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की मांग बढ़ेगी वहीं विनिर्माण क्षेत्र को कम लागत का लाभ मिल सकता है, जिससे उद्योग का हौसला बढ़ेगा। एडीबी के मुताबिक मॉनसून के सामान्य रहने से कृ​षि क्षेत्र में भी तेजी आएगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सख्त वै​श्विक वित्तीय ​स्थिति से निकट अव​धि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रभावित होगा लेकिन अगले वित्त वर्ष से इसमें तेजी आएगी।

एडीबी ने कहा कि भारत की वृद्धि की रणनीति निर्यात वृद्धि पर आधारित है मगर वै​श्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की हिस्सेदारी अभी भी कम है। 2010 में वै​श्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की हिस्सेदारी 0.6 फीसदी थी जो 2017 में 1.5 फीसदी बढ़कर 241 अरब डॉलर रही जबकि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मामले में हिस्सेदारी 10 फीसदी से अधिक रही।

First Published - April 11, 2024 | 9:42 PM IST

संबंधित पोस्ट