केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में जनवरी 2025 में सालाना आधार पर 51 फीसदी से अधिक का इजाफा दर्ज हुआ है। लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार इसमें इजाफा प्रमुख तौर पर रेलवे पर खर्च, राज्यों को अंतरण और रक्षा सेवाओं पर पूंजीगत परिव्यय के कारण हुआ है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का पूंजीगत व्यय जनवरी में बीते साल के इस महीने की तुलना में 63 फीसदी कम हो गया। मंत्रालय ने वित्त वर्ष 25 के अप्रैल से जनवरी की अवधि में बजट के कुल पूंजीगत व्यय का 87 फीसदी पूरा कर लिया है और यह वित्त वर्ष 24 के स्तर के बराबर ही है।
देश में अन्य प्रमुख पूंजीगत व्यय करने वाले विभाग रेलवे ने जनवरी 2024 की तुलना में जनवरी 2025 में 11 फीसदी अधिक खर्च किया। रेल मंत्रालय ने वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-जनवरी की अवधि में बजट में आवंटित राशि का 83 फीसदी उपयोग किया है जबकि वित्त वर्ष 24 की इस अवधि में 84 फीसदी व्यय किया था।
राज्यों को राशि का अंतरण जनवरी 2024 की तुलना में जनवरी 2025 में 87 प्रतिशत अधिक था। राज्यों को धन ज्यादा अंतरण होने से कुल मिलाकर पूंजीगत व्यय को बढ़ावा मिला। केंद्र ने वित्त वर्ष 25 की अप्रैल से जनवरी की अवधि में राज्यों के अंतरण में पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित कोष का 89 फीसदी खर्च किया जबकि वित्त वर्ष 24 की इस अवधि में 67 फीसदी खर्च किया था। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘पूंजीगत व्यय दिसंबर और जनवरी में अधिक रहा। केंद्र ने 10 महीनों में लक्ष्य का करीब 75 फीसदी व्यय किया है। यह बीते दो महीनों में ही यह 52 फीसदी बढ़कर 75 फीसदी हो गया है। अगर पिछड़े क्षेत्रों में खर्च को बढ़ावा दिया जाता है तो वे अगले दो महीनों में लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।