facebookmetapixel
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीदNDA सांसदों से PM मोदी का आह्वान: सांसद स्वदेशी मेले आयोजित करें, ‘मेड इन इंडिया’ को जन आंदोलन बनाएंBRICS शिखर सम्मेलन में बोले जयशंकर: व्यापार बाधाएं हटें, आर्थिक प्रणाली हो निष्पक्ष; पारदर्शी नीति जरूरी

व्य​क्तिगत गारंटी पर लग सकता है 18% जीएसटी!

केंद्र इस संबंध में जल्द ही सर्कुलर जारी करेगा जिससे कर देनदारी बढ़ सकती है

Last Updated- October 08, 2023 | 10:22 PM IST
जीएसटी कलेक्शन से भरी सरकार की तिजोरी, मार्च में आया 1.78 लाख करोड़ रुपये , GST Collection: Government's coffers filled with GST collection, Rs 1.78 lakh crore received in March

कंपनी को मंजूर किए जाने वाले ऋण के संबंध में निदेशकों, प्रवर्तकों द्वारा बैंक को दी जाने वाली व्य​क्तिगत गारंटी को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जा सकता है।

एक सरकारी अ​धिकारी ने कहा कि केंद्र द्वारा इस संबंध में ‘विशेष’ मामलों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक सर्कुलर जारी किए जाने की संभावना है, जिससे व्य​क्तिगत गारंटी के मामले में 18 प्रतिशत की कर देनदारी को बढ़ावा मिल सकता है।

ये विशेष मामले ऐसे हालात से जुड़े हो सकते हैं जिनमें निदेशक (जिसने गारंटी दी थी) अब प्रबंधन से जुड़ा नहीं है, लेकिन उसकी गारंटी जरूरी है और बरकरार है, क्योंकि नए प्रबंधन की गारंटी या तो उपलब्ध नहीं है या फिर अपर्याप्त है। अ​धिकारी ने स्पष्ट किया कि इसके अलावा, जिन मामलों में प्रवर्तकों, मौजूदा निदेशकों, अन्य प्रबंधन कर्मियों और उधार लेने वाली कंपनियों के शेयरधारकों को किसी भी तरीके (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) से पारिश्रमिक का भुगतान किया गया हो, उनमें भी जीएसटी देनदारी बढ़ सकती है।

जीएसटी परिषद ने शनिवार को हुई अपनी बैठक में निदेशकों, प्रवर्तकों द्वारा दी जाने वाली व्य​क्तिगत गारंटी पर कर लगाए जाने को लेकर चिंताओं को दूर किया। इस बैठक में जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया कि उन लेनदेन पर कोई कर नहीं लगेगा, जिनमें संबं​धित वैल्यू शून्य हो।

ईवाई इंडिया में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘व्य​क्तिगत गारंटी के संदर्भ में स्पष्टता आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।’जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज का मतलब है कि कर आपूर्तिकर्ता के बजाय सीधे तौर पर प्राप्तकर्ता द्वारा चुकाया जाएगा।

इसके विपरीत,जीएसटी परिषद ने संबं​धित व्य​क्तियों (जिसमें हो​ल्डिंग कंपनी द्वारा अपनी सहायक इकाई को दी गई गारंटी भी शामिल है) को दी गई कॉरपोरेट गारंटी पर 18 प्रतिशत कर लगाने का भी निर्णय लिया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कॉरपोरेट गारंटी के संबंध में निर्णय व्यावसायिक वास्तविकता के अनुरूप नहीं है।

First Published - October 8, 2023 | 10:22 PM IST

संबंधित पोस्ट