जूपी अपने कुल कर्मचारियों में से लगभग 30 प्रतिशत यानी 170 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अगस्त में केंद्र सरकार द्वारा पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेम पर रोक वाला कानून बनाने के बाद कंपनी यह कदम उठा रही है। जूपी अब गेम्स24×7, बाजी गेम्स और मोबाइल प्रीमियर लीग जैसी उन दूसरी रियल-मनी गेम (आरएमजी) कंपनियों में शामिल हो गई है, जिन्होंने प्रतिबंध के बाद कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
जूपी के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी दिलशेर सिंह माल्ही ने कहा, ‘यह हमारे लिए मुश्किल फैसला था। लेकिन नए नियामकीय ढांचे के लिहाज से यह जरूरी था। हमारे जो सहकर्मी हमें छोड़ रहे हैं, वे जूपी के सफर का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और हम उनके योगदान के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।’
गुरुग्राम की कंपनी जूपी ने कहा कि इस नोटिस पीरियड के बदले भुगतान के अलावा वह उन 170 कर्मचारियों को ‘सेवा के वर्षों से संबंधित अतिरिक्त वित्तीय राशि’ भी दे रही है। कंपनी छोड़ने के बाद भी प्रभावित कर्मचारियों की स्वास्थ्य और बीमा सुरक्षा पूरी अवधि तक जारी रहेगी।
कंपनी ने बयान में कहा, ‘इसके अलावा हमने अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1 करोड़ रुपये का चिकित्सा सहायता कोष बनाया है ताकि कोई भी व्यक्ति अगले अवसर की तलाश के दौरान खुद को असुरक्षित महसूस न करे।’
नई नौकरियों के अवसर उपलब्ध होने पर कंपनी अपने कर्मचारियों की दोबारा नियुक्ति को प्राथमिकता देगी। जूपी के 15 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और वह ऑनलाइन सोशल गेम तथा मनोरंजन खेलों पर ध्यान देने की योजना बना रही है।