जोहो कॉर्पोरेशन द्वारा बनाए गए मैसेजिंग ऐप अरत्ताई (Arattai) की सफलता इस बात का संकेत है कि कंपनी निकट भविष्य में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) नहीं लाएगी। पिछले तीन दिनों में, अरत्ताई का ट्रैफिक 100 गुना बढ़ गया है, और साइन-अप 3,500 से बढ़कर हर रोज 3,50,000 हो गया है।
जोहो के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “हम समझते हैं कि जोहो को पब्लिक होने का दबाव है। लेकिन मैं हकीकत बताना चाहता हूं: अरत्ताई शायद ही किसी पब्लिक कंपनी द्वारा बनाई जाती, जिसे तिमाही-दर-तिमाही वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ता।” उन्होंने इसे “बेहद मूर्खतापूर्ण” प्रोजेक्ट कहा, क्योंकि इसके कर्मचारियों ने भी इसके प्रदर्शन को लेकर चिंताएं व्यक्त की थीं।
वेम्बू ने आगे लिखा, “हमने इसे इसलिए बनाया क्योंकि हमें लगता है कि भारत में इस तरह की इंजीनियरिंग क्षमता की जरूरत है। कल्पना कीजिए कि वॉल स्ट्रीट या दलाल स्ट्रीट को यह सब बताया गया हो!”
उन्होंने कहा कि कंपनी संभावित 100 गुना ग्रोथ के लिए आपातकालीन आधार पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। “एक्सपोनेंशियल इसी तरह काम करते हैं।”
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जोहो के पास भविष्य के लिए कई अन्य रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) प्रोजेक्ट भी हैं, जिनमें कंपाइलर्स, डेटाबेस, ऑपरेटिंग सिस्टम, सिक्योरिटी, हार्डवेयर, चिप डिजाइन, रोबोटिक्स और AI शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, हमने कई R&D इंटेंसिव कंपनियों में निवेश किया है, जिनसे हमें पता है कि जल्द ही मुनाफा नहीं होगा।”
वेम्बू ने कहा कि जोहो एक तरह की इंडस्ट्रियल रिसर्च लैब है, जो खुद को फंड करने के लिए मुनाफा भी कमाती है। उन्होंने कहा, “हम मूल रूप से शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट को अनदेखा करते हैं, बशर्ते हम नुकसान में न रहें। और हमारे यहां फाउंडर्स और सीनियर अधिकारी सादगी से जीवन जीते हैं, जैसे कि अच्छे वैज्ञानिक और इंजीनियर Isro में रहते हैं। हमारे लिए यही भारत की असली पहचान है। जापान भी इसी तरह अपने विकास के समय काम करता था।”
कंपनी ने नवंबर तक अरत्ताई का बड़ा रिलीज प्लान किया था, जिसमें कई फीचर्स, बड़ी कैपेसिटी और मार्केटिंग पुश शामिल थे। वेम्बू ने कहा, “जैसे-जैसे हम ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर जोड़ रहे हैं, हम कोड को भी फाइन-ट्यून और अपडेट कर रहे हैं ताकि उठने वाली समस्याओं को तुरंत ठीक किया जा सके। हमारे पूरी टीम पूरी मेहनत कर रही है।”
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पिछले हफ्ते, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नागरिकों से घरेलू डिजिटल सॉल्यूशन अपनाने की अपील की और अरत्ताई का समर्थन किया। अरत्ताई नाम का मतलब तमिल में “कैजुअल चैट” होता है। इस एप्लिकेशन में ग्रुप चैट, वॉइस और वीडियो कॉल, स्टोरीज और ब्रॉडकास्ट चैनल शामिल हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी लोगों से “स्वदेशी” अपनाने की दिशा में जोहो के प्लेटफॉर्म का उपयोग करने को कहा।
जोहो अपने यूजर्स की प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर बहुत सतर्क है, जबकि उद्योग जगत की कई दिग्गज कंपनियों का रुझान विज्ञापन लाभ के लिए यूजर डेटा का व्यापार करने का है। जोहो वादा करता है कि वह किसी भी व्यक्तिगत जानकारी का मुद्रीकरण (monetisation) नहीं करेगा।