दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी यामाहा मोटर इंडिया बिना गियर वाले दोपहिया वाहनों में उतरने की योजना बना रही है।
जापान की यामहा मोटर की भारतीय इकाई फिलहाल भारतीय बाजारों में इस तरह के दोपहिया वाहनों की मांग पर अध्ययन कर रही है और साथ में इस बारे में भी अध्ययन कर रही है कि यूरोपीय और दक्षिण-पूर्वी एशियाई बाजारों में बिकने वाले वह अपने मॉडलों को भारत में कैसे पेश करे।
कंपनी की निवेश योजना
कंपनी ने अगले तीन वर्षों में भारत में अपने उत्पादों की नई शृंखला पेश करने, संयंत्रों में सुधार और अपनी मार्केटिंग और डीलरशिप को मजबूत करने के लिए 800 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।
इससे कंपनी को दोपहिया वाहनों के बाजार में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 2010-11 तक 10 प्रतिशत करने में मदद मिलेगी।
नई शृंखला पर भी नजर
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत के दौरान यामाहा इंडिया के विभागाध्यक्ष (उत्पाद, योजना एवं मार्केटिंग) संजय त्रिपाठी का कहना है कि कंपनी की योजना 100 सीसी और 125 सीसी श्रेणी में अगले साल मोटरसाइकिल की नई शृंखला पेश करने की है।
उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाले वाहनों की श्रेणी के उत्पाद बेहद सफल नहीं हैं, क्योंकि यामाहा अपने दमदार, ताकतवर इंजन से लैस दोपहिया वाहनों के लिए जानी जाती है।
भारत में यूरोपीय मॉडल!
साथ ही कंपनी बिना गियर वाले स्कूटर भी पेश करने की संभावनाएं तलाश रही है। मौजूदा समय में कंपनी बाजार अध्ययन कर रही है कि वह अपने भारतीय ग्राहकों को किस तरह का उत्पाद पेश कर सकती है।
यामहा के यूरोप और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में 50 सीसी से 500 सीसी क्षमता वाले बिना गियर के स्कूटर सड़कों पर नजर आते हैं। कंपनी अपने इन बिना गियर वाले स्कूटरों जॉग, टीमैक्स या मजेस्टी में से कोई भी मॉडल, जिसकी सबसे अधिक मांग हो उसे भारत में पेश कर सकती है।
150 सीसी से है उम्मीद
उनका कहना है कि डीलक्स और महंगे सेगमेंट 150 सीसी के बाजार में कंपनी के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। मौजूदा समय में अब तक कंपनी के पास उसके एफजेड-16 के लिए अग्रिम भुगतान के साथ 22,000 मॉडलों की बुकिंग है।
कंपनी ने 65 हजार रुपये वाली यह बाइक अक्टूबर में पेश की थी। उनका कहना है कि कंपनी विभिन्न चरणों में अपने उत्पादन को बढ़ाने की योजना बना रही है।
उन्होंने बताया कि कंपनी ने भारत में दिसंबर 2007 से नवंबर 2008 तक 10,50,00 रुपये वाली वाईजेडएफ-आर1 (1000 सीसी) और एमटी01 (1700 सीसी) की 100 मोटरसाइकिलें बेची हैं। कंपनी के ये उत्पाद जापान से आयात किए जाते हैं।
2010 तक कंपनी का विचार अपनी कुल सालाना क्षमता को मौजूदा समय में 4 लाख वाहनों से बढ़ाकर 8 लाख वाहन किए जाने का है। इसके अलावा कंपनी की योजना अपने डीलर नेटवर्क को मौजूदा आंकड़े 330 से बढ़ाकर 1500 डीलर आउटलेट करने की भी है।
मौजूदा वित्तीय संकट के बारे में त्रिपाठी का कहना है कि इसका असर वित्त की कमी के कारण सबसे ज्यादा रोजमर्रा इस्तेमाल आने वाले वाहनों पर देखा जा रहा है।