मामाअर्थ के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक वरुण अलघ ने आज इन खबरों को खारिज किया कि व्यक्तिगत देखभाल क्षेत्र की स्टार्टअप ने अपनी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की योजना को खत्म कर दिया है।
अलघ ने कहा ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि हम अब भी अपने मसौदे (डीआरएचपी) के संबंध में सेबी के साथ संपर्क कर रहे हैं और इसके लिए औपचारिक मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि इस मंजूरी के बाद जैसा कि विनियमों के अनुरूप होता है, हमारे पास मसौदा जमा करने और आईपीओ लाने के लिए 12 महीने होंगे। यह हम अपने बैंकरों की सलाह से करेंगे। अलघ ने कहा कि मूल्य निर्धारण और मूल्यांकन फर्म के मार्केटिंग कार्यक्रम के तहत तय किया जाएगा, जह वह उन्हें शुरू करेगी।
अलघ ने कहा कि जैसा कि हमारी बैठक के दौरान विचार-विमर्श किया गया था, हमारा सबसे बड़ा निवेशक एक भी शेयर नहीं बेच रहा है और साथ ही आईपीओ के बाद भी प्रवर्तक कंपनी में अपने स्वामित्व के 97 प्रतिशत से अधिक के मालिक बने रहेंगे, इसलिए हमें अल्पकालिक मूल्यांकन को दुरुस्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, हम इसमें लंबी अवधि के लिए हैं।
गुरुग्राम की इस फर्म ने सिकोया और बेल्जियम की सोफिना जैसी निवेशकों से कुल 12.6 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है। जनवरी 2022 में मामाअर्थ का पिछला मूल्यांकन 1.2 अरब डॉलर था, जब इसने सिकोया के नेतृत्व में रकम जुटाने के एक दौर में 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए थे।
इससे पहले रॉयटर्स ने खबर दी थी कि मामाअर्थ की मूल कंपनी होनासा कंज्यूमर ने बाजार के कमजोर हालात के कारण आईपीओ रोक लिया है। सूत्रों के हवाले से दी गई इस खबर में कहा गया था कि मामाअर्थ का आईपीओ ‘प्रतीक्षा और समीक्षा’ की स्थिति में है।