facebookmetapixel
एल्युमीनियम उद्योग को नीतिगत समर्थन की जरूरत : हिंडाल्कोवैल्यूएशन पर नहीं बनी सहमति, हायर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने से पीछे हटा मित्तलIDBI बैंक ने Zee एंटरटेनमेंट के खिलाफ फिर दायर की याचिकाCEA नागेश्वरन का दावा: घरेलू सुधारों ने भारत को दी सुरक्षा, जीएसटी सुधार से बढ़ेगी खपतFitch ने भारत का GDP ग्रोथ अनुमान बढ़ाया, घरेलू मांग और निवेश को बताया सहारासंजय कपूर की पत्नी प्रिया को सभी संपत्तियों का खुलासा करने का निर्देशमद्रास हाईकोर्ट ने EPFO के 18 जनवरी के सर्कुलर को रद्द किया, कर्मचारियों को हाई पेंशन का विकल्प मिलेगाबिहार को चुनावी तोहफा: ₹7,600 करोड़ की रेल-हाईवे परियोजनाओं को मंजूरी, 5 जिलों को मिलेगा फायदाचीन ने आश्वासन दिया, फिर भी भारत को खनिज और मैग्नेट की सप्लाई नहीं मिलीफंडामेंटम पार्टनरशिप ने ग्रोथ स्टेज फंडों को पीछे छोड़ा, AI और डीप-टेक में निवेश बढ़ाएगा

हम अव्वल डायग्नोस्टिक प्रदाता बनना चाहते हैं- माईलैब

जायडस लाइफसाइंसेज ने अपनी सहायक कंपनी जै​हील के जरिये निवेश किया है, लेकिन हमारा ध्यान संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल - मानव, पशु और कृषि पर है।

Last Updated- July 02, 2023 | 10:17 PM IST
We aspire to be the leading diagnostic provider - Mylab
BS

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के अदार पूनावाला का समर्थन प्राप्त पुणे की माईलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस ने हाल ही में जायडस लाइफसाइंसेज की सहायक कंपनी को 6.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है।

यह कंपनी कोविड-19 के दौरान उस वक्त सुर्खियों में आई थी, जब इसने सार्स-कोवी-2 वायरस का परीक्षण करने के लिए पहली बार स्वदेशी स्व-परीक्षण रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलिमरेज चेन किट विकसित की थी। माईलैब के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने सोहिनी दास के साथ फोन पर हुई बातचीत में अपनी योजनाओं की रूपरेखा के बारे में बताया। संपादित अंश :

जायडस एनिमल हेल्थ ऐंड इन्वेस्टमेंट्स (जैहील) द्वारा हिस्सेदारी लिए जाने से क्या अब आप पशु चिकित्सा परीक्षणों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं?

जायडस लाइफसाइंसेज ने अपनी सहायक कंपनी जै​हील के जरिये निवेश किया है, लेकिन हमारा ध्यान संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल – मानव, पशु और कृषि पर है। मानव स्वास्थ्य देखभाल हमारा प्रमुख ध्यान क्षेत्र है।

कोविड-19 के बाद वे कौन-से क्षेत्र हैं, जिन पर आप ध्यान दे रहे हैं?

डायग्नो​स्टिक्स, टीके या दवाओं के मामले में कोई उत्पाद पेश करने से पहले क्लीनिकल परीक्षण वैगरह में काफी काम किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में हमने क्षय रोग, कैंसर और सह-संबं​धित डायग्नो​स्टिक्स पर ध्यान केंद्रित किया है। इस साल हम ग्लूकोज परीक्षण से लेकर उच्च स्तरीय परीक्षण तक में उपकरणों और किटों का निर्माण कर रहे हैं। हम प्रयोगशाला (लैब) के अंदर होने वाली हर चीज का समाधान प्रदान करना चाहते हैं।

क्या आपने कोविड की स्व-परीक्षण किट का निर्माण करना बंद कर दिया है?

कोविड परीक्षणों का बैकअप भंडार हर वक्त मौजूद है। हमने पहले से ही काफी सारे कच्चे माल की योजना बना ली थी और इससे हमें बफर मिला है। डेढ़ साल पहले कोविड ध्यान वाल क्षेत्र से बाहर हो गया।

जायडस और एसआईआई के साथ इन सौदों के पीछे क्या आधार है?

वे रणनीतिक सौदे हैं। साथ ही हमारे पास वित्तीय निवेशकों से पैसा जुटाने का भी विकल्प था। हमारे पास आंतरिक स्रोतों से पर्याप्त धन है। ये रणनीतिक निवेश और साझेदारी भी हैं। हम स्वास्थ्य देखभाल समाधानों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना चाहते हैं। परीक्षण, उपचार और रोकथाम के जरिये ऐसा हो सकता है।

दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई परीक्षण कंपनी, वैक्सीन विनिर्माता और दवा विनिर्माता एक साथ आई हैं। अगर हम दुनिया के रोग उन्मूलन लक्ष्यों को देखें, तो वे इस तरह की साझेदारियों के अनुरूप हैं, जहां हम परीक्षण, उपचार और रोकथाम भी कर सकते हैं।

आप किसी मरीज को ऐसी पेशकश देने की योजना किस तरह बनाते हैं?

सुनिश्चित करें कि ये सभी उच्च-स्तरीय परीक्षण विकेंद्रीकृत हो तथा डॉक्टरों और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं को इन्हें चलाने का अधिकार हो। अगर परीक्षण केवल केंद्रीय रूप से किए जाते हैं, तो प्रतिक्रिया का समय अधिक होता है। यह हेल्थटेक पार्टनर्स नामक विशेष परियोजना है जिस पर हम काम कर रहे हैं, जहां माईलैब स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी भागीदार है।

इसके तहत हम देश के सभी डॉक्टरों और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं को परीक्षण-उपचार-रोकथाम समाधानों के साथ सशक्त बनाना चाहते हैं।

माईलैब पारिस्थितिकी तंत्र समाधान प्रदान करने में सक्षम है। यह केवल जायडस या एसआईआई के लिए नहीं, बल्कि दवाओं और टीकों की किसी भी प्रदाता के लिए है। हमारा गठजोड़ रणनीतिक गठजोड़ है, जहां हम एक-दूसरे की अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) प्रक्रियाओं से सीखते हैं और इसे अपने उत्पाद विकास में लागू कर सकते हैं।

क्या आप डायग्नोस्टिक केंद्र खोलने जा रहे हैं?

हम कभी भी खुद पैथोलॉजी लैब नहीं चलाएंगे। हम किसी भागीादार को सशक्त करना चाहते हैं। अगर उस भागीदार को मदद की जरूरत हो या संपर्क के लिए डॉक्टर की जरूरत हो, तो हम ऐसा करेंगे।

आपकी निवेश योजनाओं के संबंध में क्या है?

हमने तीन कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल की है। एक एक्स-रे प्रौद्योगिकी फर्म लिपोमिक, चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी साइवर्स सॉल्यूशंस और संस्कृटेक, जो ‘स्वयं’ की विकासकर्ता है।हम कृषि क्षेत्र में चौथी कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। आरऐंडडी और बुनियादी ढांचे में काफी निवेश किया गया है।

अब हमारे पास 250 वैज्ञानिक हैं। हमने पुणे के पास एक नई इकाई का निर्माण शुरू कर दिया है और पहले चरण में इसमें दो करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत होगी और अंततः दो से तीन करोड़ डॉलर और निवेश किया जाएगा। हम दुनिया में अव्व्ल डायग्नोस्टिक्स प्रदाता बनना चाहते हैं। हम न केवल दुनिया के सोचने से पहले नवाचार करेंगे, बल्कि दुनिया को उनकी आपूर्ति भी करेंगे।

First Published - July 2, 2023 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट