वाडिया समूह अपनी मॉरिशस स्थित इकाई बेमैंको इन्वेस्टमेंट्स के जरिये एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) में 510 करोड़ रुपये निवेश करेगा। वित्त वर्ष 2023 में, गो फर्स्ट ने अपनी नकदी किल्लत दूर करने के लिए सरकार की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत 203.5 करोड़ रुपये के दो ऋण लिए हैं। अक्टूबर में, आईपीओ लाने वाली गो फर्स्ट ने कहा था कि उसकी शुद्ध ऋण वित्त वर्ष 2022 में दोगुना से ज्यादा बढ़कर 1,807.91 करोड़ रुपये हो गया था।
प्रैट ऐंड व्हिटनी द्वारा इंजन आपूर्ति में विलंब और कोविड-19 की वजह से हवाई यातायात प्रभावित होने से एयरलाइन का नुकसान बढ़ गया था। कंपनी को वित्त वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2020 में 870.48 करोड़ रुपये तथा 1,270.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। 16 दिसंबर को हुई अपनी आम बैठक में, गो फर्स्ट ने कंपनी के 0.01 प्रतिशत अनिवार्य परिवर्तनीय तरजीही शेयर (सीसीपीएस) के जरिये कोष जुटाने का प्रस्ताव रखा।
गो फर्स्ट दो अलग अलग निर्गमों के जरिये तरजीही आधार पर 510 रुपये जुटाएगी। वाडिया समूह की इकाई बेमैंको इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड ये सीसीपीएस 12 महीने के अंदर आवंटित करेगी। आवंटित होने पर, सीसीपी को 75 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की कीमत पर 5 साल बाद इक्विटी शेयर में तब्दील किया जाएगा, जिसका मतलब है कि 10 रुपये अंकित मूल्य के 15 सीसीपी प्रत्येक 10 रुपये वाले दो इक्विटी शेयरों में तब्दील होंगे।
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कंपनी द्वारा सीसीपीएस के जरिये जुटाई जाने वाली रकम का इस्तेमाल कार्यशील पूंजी जरूरतों और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों पर किया जाएगा। प्रस्तावित सीसीपीएस निर्गमों के प्रयास में, कंपनी की 500 करोड़ रुपये की मौजूदा शेयर पूंजी (450 करोड़ रुपये इक्विटी शेयर पूंजी और 50 करोड़ रुपये तरजीही शेयर पूंजी में) बढ़कर 960 करोड़ रुपये हो गई थीं। गो फर्स्ट के बेड़े में 57 विमान हैं। इनमें करीब 40 प्रतिशत पीऐंडडब्ल्यू के इंजनों की आपूर्ति में विलंब की वजह से परिचालन में नहीं हैं।