कर्ज की मार झेल रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने मंगलवार (27 फरवरी) को हुई बैठक में 20,000 करोड़ रुपये तक की इक्विटी पूंजी जुटाने को मंजूरी दी। कंपनी के प्रवर्तक इक्विटी फंड जुटाने में शामिल होंगे। वोडाफोन आइडिया की इक्विटी और ऋण के जरिये 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है।
बोर्ड ने प्रबंधन को धन जुटाने के लिए बैंकरों और सलाहकारों को नियुक्त करने के लिए भी अधिकृत किया है। कंपनी 2 अप्रैल, 2024 को अपने शेयरधारकों की बैठक बुलाएगी और शेयरधारकों की मंजूरी के बाद उसे आने वाली तिमाही में इक्विटी फंड जुटाने की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।
एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, कंपनी डेट फंडिंग के लिए अपने ऋणदाताओं के साथ सक्रिय रूप से बात कर रही है। डेट फंडिंग, इक्विटी फंड जुटाने के बाद अमल में लाई जा सकती है। इक्विटी और ऋण के संयोजन के माध्यम से, कंपनी लगभग 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।” वोडा आइडिया ने कहा कि उसका बैंक कर्ज फिलहाल 4,500 करोड़ रुपये से कम है।
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कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “इक्विटी और डेट फंड जुटाने से कंपनी 4G कवरेज, 5G नेटवर्क रोलआउट करने और अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश करने में सक्षम होगी।” ये निवेश कंपनी को अपनी प्रतिस्पर्धी स्थिति में सुधार करने और बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने में सक्षम बनाएंगे।
एक्सचेंज फाइलिंग में वोडा आईडिया ने कहा, “कंपनी ने सीमित निवेश के साथ भी प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखाया है। प्रस्तावित फंड जुटाने और सकारात्मक परिचालन विकास के साथ, कंपनी बाजार में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आश्वस्त है।”
2023 में वैधानिक बकाया पर अर्जित ब्याज को इक्विटी में बदलने के बाद VIL में सरकार की हिस्सेदारी वर्तमान में 33.1 फीसदी आंकी गई है। VIL में वोडाफोन पीएलसी और आदित्य बिड़ला ग्रुप की कुल 50.3 फीसदी हिस्सेदारी है। आदित्य बिड़ला ग्रुप, जो संकटग्रस्त टेलीकॉम कंपनी के प्रवर्तकों में से एक है, की VIL में लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी है, और ब्रिटिश टेलीकॉम दिग्गज वोडाफोन ग्रुप के पास 32 फीसदी हिस्सेदारी है।
(भाषा के इनपुट के साथ)