भारती एयरटेल के मुख्य कार्याधिकारी गोपाल विट्ठल ने आज कहा कि दूरसंचार क्षेत्र देश एवं कारोबार की रीढ़ है और इसलिए इसके बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार भुगतान प्रणालियों के निर्बाध परिचालन से लेकर वर्क फ्रॉम होम तक और बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा से लेकर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक दूर से ही पहुंच सुनिश्चित करने जैसे सभी पहलुओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ग्लोबल आरऐंडडी समिट 2020 को संबोधित करते हुए विट्ठल ने कहा, ‘डिजिटल इंडिया के लिए एक सबसे महत्त्वपूर्ण इनेबलर बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार, राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) तक सस्ती एवं आसान पहुंच है। इसलिए हमें महज स्पेक्ट्रम पर खर्च करने के बजाय नेटवर्क के निर्माण पर निवेश करना चाहिए और अंतत: स्थिर एवं दीर्घकालिक नीतियों से कम जोखिम वाले निवेश को प्रोत्साहित करना चाहिए।’
केंद्र सरकार ने 2016 में आरओडब्ल्यू नीति लाई थी जिसके तहत मुख्य तौर पर दूरसंचार टावर स्थापित करने, फाइबर केबल बिछाने, विवादों के निपटारे और विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार के लिए एक रूपरेखा तैयार की गई थी। वि_ल ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले दौर के लिए आधार कीमत पर भारती एयरटेल के रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि अगली स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य काफी अधिक है। एयरटेल ने बार-बार कहा है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित आरक्षित मूल्य काफी अधिक हैऔर इसलिए वह स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने से परहेज कर सकती है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ग्लोबल आरऐंडडी समिट 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि भारत न केवल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बल्कि कोविड के बाद अर्थव्यवस्था निर्माण में भी वैश्विक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने की स्थिति में है।
