रसायन कंपनी यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड (यूपीएल) लिमिटेड के शेयर आज 11 फीसदी लुढ़क गए। इसकी वजह वे खबरें हैं, जिनमें कहा गया है कि एक मुखबिर ने कंपनी में प्रशासनिक खामियों और उसके प्रवर्तकों के कंपनी से अवैध रूप से पैसा निकालने की सूचना दी है।
हालांकि श्रॉफ परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा कि यह पुराना मामला है, जो वर्ष 2017 में ऑडिट समिति के पास आया था और एक स्वतंत्र जांच के बाद इस मामले को बंद कर दिया गया था।
यूपीएल का शेयर 11 फीसदी गिरकर 438 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का बाजार पूंजीकरण 33,499 करोड़ रुपये पर आ गया है।
स्टॉक एक्सचेंजों को भेजे एक बयान में यूपीएल ने यह बात खारिज कर दी कि मुखबिर बोर्ड का ही सदस्य है। बयान में कहा गया है, ‘यूपीएल की ऑडिट समिति को मुखबिर की एक ऐसी ही शिकायत 2 जून, 2017 को मिली थी। ऑडिट समिति ने आरोपों की जांच करने के लिए मुखबिर समिति बनाई थी, जिसमें केवल स्वतंत्र निदेशक शामिल थे। उस शिकायत के सभी विवरणों का खुलासा किया गया था।’
कंपनी ने कहा, ‘उसने ढाई साल पहले एक स्वतंत्र विधि कंपनी की मदद से संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी) समेत व्यापक समीक्षा की थी और यह निष्कर्ष निकाला था कि उन लेनदेनों का कंपनी से कोई सीधा संबंध नहीं था और उनमें सभी नियमों का पालन किया गया था। इसके बाद शिकायतकर्ता को ऑडिट समिति की जांच के तथ्यों के बारे में उचित जानकारी दी गई थी और इस मामले को बंद कर दिया गया था।’ बयान में कहा गया, ‘ऐसा लगता है कि उसी मुखबिर ने गलत मकसद से प्रेरित होकर उसी मुद्दे को फिर से उठाने के लिए मीडिया से संपर्क किया है।
यूपीएल इस बात की पुष्टि करती है कि जिन लेनदेनों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, उनका कंपनी से कोई निकट संबंध नहीं है। धन की कोई अवैध निकासी नहीं हुई है जैसा कि खबरों में आरोप लगाया जा रहा है। यूपीएल के खिलाफ कोई नई शिकायत नहीं है।’