गुजरात की कंपनी बालाजी वेफर्स के प्रवर्तक अपनी 10 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रमुख निजी इक्विटी फर्मों के साथ बातचीत कर रहे हैं। यह सौदा 40,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर हो सकता है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने इसकी जानकारी दी।
कंपनी के संस्थापक विरानी बंधु- चंदूभाई, कनुभाई और भीखुभाई देश भर में कारोबार विस्तार के लिए कंपनी की आंशिक हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं। मामले के जानकार एक व्यक्ति ने कहा कि हाल ही में 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर हुए हल्दीराम के सौदे ने स्नैक्स श्रेणी में बेंचमार्क कायम किया है। इसने बालाजी के प्रवर्तकों को कंपनी के मूल्यांकन का पता लगाने के लिए प्रेरित किया है। इस साल मार्च में हल्दीराम ने इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी, अल्फा वेव ग्लोबल और टेमासेक को अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1 अरब डॉलर जुटाए थे।
एक सूत्र ने कहा, ‘परिवार द्वारा संचालित कंपनी विकास के अगले चरण के लिए पेशेवरों को लाने पर भी विचार कर रही है।’ उक्त शख्स ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कंपनी को सूचीबद्ध कराने की भी योजना है लेकिन ऐसा संभवतः 5 से 6 साल बाद ही होगा। सौदे के बारे में जानकारी के लिए बीते शुक्रवार को बालाजी वेफर्स को ईमेल भेजे गए मगर खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।
निवेशकों से जुटाए गए रिकॉर्ड पूंजी से निजी इक्विटी फंड भारत के ब्रांडेड कंज्यूमर, टेक्नॉलजी और हेल्थकेयर क्षेत्रों में अवसर तलाश रहे हैं। एक अमेरिकी निवेशक ने कहा कि वे उपभोक्ता कंपनियों में सक्रियता से सौदे की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘हम भारत में कई कंज्यूमर कंपनियों के साथ सक्रियता से बात कर रहे हैं।’
वर्तमान में इस क्षेत्र की प्रताप स्नैक्स और बीकाजी फूड्स इंटरनैशनल शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। शुक्रवार को बाजार बंद होने तक प्रताप स्नैक्स का मूल्यांकन 2,379 करोड़ रुपये था जबकि बीकाजी फूड्स इंटरनैशनल का कुल बाजार मूल्यांकन 20,053 करोड़ रुपये रहा। गुजरात के राजकोट मुख्यालय वाली बालाजी वेफर्स, बालाजी ब्रांड के तहत चिप्स, नमकीन और कन्फेक्शनरी की बिक्री करती है। कंपनी की पश्चिमी और मध्य भारत में मजबूत उपस्थिति है। बालाजी वेफर्स ब्रिटेन, अमेरिका और पश्चिम एशिया सहित अन्य बाजारों में अपने उत्पाद का निर्यात भी करती है।
कैपिटालाइन के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की शुद्ध बिक्री या आय 5,453.7 करोड़ रुपये रही जो 2023 की तुलना में से 10.7 फीसदी अधिक है। इस दौरान कंपनी का कर बाद लाभ 41.4 फीसदी बढ़कर 578.8 करोड़ रुपये रहा। ट्रैक्सन के आंकड़ों से पता चलता है कि इसके बोर्ड में विरानी बंधुओं, केयूर विरानी और समीर चड्ढा के साथ-साथ स्वतंत्र निदेशक मिहिर विरानी, मनसुखलाल भांडेरी और प्रणय विरानी सहित आठ सदस्य हैं।
आईएमएआरसी के अनुसार 2024 में भारत में पैकेज्ड फूड बाजार का आकार 121.3 अरब डॉलर था जिसके 2033 तक 6.5 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़कर 224.8 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।