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BRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारत

इस कदम के जरिये भारत अपने ब्रिक्स साझेदारों और अमेरिका दोनों के साथ संबंधों को संतुलित रखने की कोशिश कर रहा है

Last Updated- September 07, 2025 | 10:44 PM IST
S. Jaishankar
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर | फाइल फोटो

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा सोमवार को आयोजित किए जा रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय विदेश मंत्री एस. जयशंकर भाग ले रहे हैं। इस कदम के जरिये भारत अपने ब्रिक्स साझेदारों और अमेरिका दोनों के साथ संबंधों को संतुलित रखने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि, हाल में अमेरिका और भारत के बयानों में तनावपूर्ण संबंधों में नरमी के संकेत मिले थे लेकिन इसके एक दिन बाद ही व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर भारत की आलोचना की। उन्होंने भारत पर रूस से तेल की खरीद जारी रखने का आरोप लगाया।

इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में, राजनीतिक लॉबिस्ट जेसन मिलर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के कुछ अधिकारियों से मुलाकात की, जिनकी लॉबिइंग फर्म की सेवाएं भारत ले रहा है। मिलर, एसएचडब्ल्यू पार्टनर्स एलएलसी के प्रमुख हैं, जिसकी सेवाएं लेने के लिए अप्रैल में भारतीय दूतावास ने वॉशिंगटन में कथित तौर पर एक साल के लिए 18 लाख डॉलर का भुगतान करने के लिए करार किया था। अपनी बैठकों के बाद मिलर ने सोशल मीडिया पर की तस्वीरें पोस्ट कीं जिनमें से एक तस्वीर ट्रंप के साथ भी थी लेकिन उन्होंने अपनी बातचीत का ब्योरा नहीं दिया।

शनिवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमेरिका साझेदारी के ‘सकारात्मक मूल्यांकन’ और दोनों देशों के बीच ‘विशेष’ संबंध की सराहना करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति के बयान का ‘पूरी तरह समर्थन’ किया था।

भारत अमेरिका द्वारा विदेश नीति के संबंध में निर्देश दिए जाने की कोशिशों से नाराज है, लेकिन उसने अब तक ट्रंप के बयानों पर सीधे प्रतिक्रिया देने से खुद को रोक रखा है। हालांकि, उसने उनके अधीन काम करने वालों जैसे कि नवारो आदि की आलोचना की है। भारत ने इस बात पर भी जोर दिया है कि व्यापार को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में, खासतौर पर रक्षा क्षेत्र में भारत-अमेरिका संबंध मजबूत बने हुए हैं। अपनी नई सोशल मीडिया पोस्ट में, नवारो ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘वाह। ईलॉन मस्क लोगों की पोस्ट में दुष्प्रचार को रोक नहीं रहे हैं। नीचे दिया गया वह बकवास नोट, सिर्फ एक बकवास है। भारत सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए रूस से तेल खरीदता है। लेकिन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले उसने कोई तेल नहीं खरीदा। भारत सरकार की स्पिन मशीन बहुत तेजी से चल रही है। यूक्रेन के लोगों को मारना बंद करो। अमेरिका के लोगों की नौकरियां लेना बंद करो।’

नवारो अपनी पिछली पोस्ट पर एक कम्युनिटी नोट का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद दरअसल रूसी ‘युद्ध मशीन’ को बढ़ावा देती है। कम्युनिटी नोट ने नवारो के दावों को ‘पाखंडपूर्ण’ बताया। इसमें कहा गया, ‘ऊर्जा सुरक्षा के लिए भारत द्वारा रूस से खरीदा गया तेल कानूनी, संप्रभु खरीद अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता है। अमेरिका, भारत पर दबाव डाल रहा है लेकिन यह खुद यूरेनियम जैसे अरबों के रूसी सामान का आयात जारी रखे हुए है जिससे एक स्पष्ट दोहरा मापदंड उजागर होता है।’

 रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में, भारत ने 6 सितंबर को व्लादिवोस्तोक में शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के व्यापार मंत्रियों की बैठक में निर्यात-संबंधी उपायों को हथियार बनाने या कृत्रिम कमी पैदा करने, बाजारों को विकृत करने, या आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करने के लिए इनका दुरुपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी है। भारत ने चीन के साथ दुर्लभ मृदा तत्त्वों और उर्वरकों के प्रतिबंधों पर भी बात की थी और शुक्रवार को कहा कि चीन ने इनमें से कुछ प्रतिबंधों को हटा दिया है।

First Published - September 7, 2025 | 10:43 PM IST

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